UP धर्मांतरण रैकेट, भगोड़ा जाकिर नाईक बना 'गुरु', SIMI-PFI से जुड़ा छांगुर बाबा,
ED को मिले विदेशी फंडिंग के सुराग
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
UP Religious Conversion Racket: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है, जिससे पूरे देश में हलचल मच गई है। यह गिरोह संगठित तरीके से महिलाओं और नाबालिगों को बहला-फुसलाकर या जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहा था। अब इस मामले में भगोड़े इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक और उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) का नाम भी सामने आ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को इस रैकेट में विदेशी फंडिंग के कई अहम सुराग मिले हैं।
छांगुर बाबा के गिरोह से जुड़ा था पूरा नेटवर्क
इस पूरे रैकेट की कमान संभाल रहा था बलरामपुर का छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस ने हाल ही में गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों को टारगेट कर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करा रहा था। यह नेटवर्क खासतौर पर महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बना रहा था।
जाकिर नाईक की भूमिका और विदेशी फंडिंग
ED की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस रैकेट को विदेशों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली है, जिसमें जाकिर नाईक और उसकी संस्था IRF की भूमिका संदिग्ध है। फंडिंग संयुक्त अरब अमीरात (UAE), तुर्की, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य इस्लामिक देशों से हुई। छांगुर बाबा के UAE स्थित 5 बैंक खातों की जांच की जा रही है, जिनमें संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुए हैं। फरवरी 2025 में आयकर विभाग ने एक रिपोर्ट में धर्मांतरण, मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में विदेशी फंडिंग की बात कही थी, जिसे गृह मंत्रालय को भेजा गया था।
जाकिर नाईक पहले भी रहा है कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल
जाकिर नाईक 2016 से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बाद मलेशिया भाग गया था। उसकी संस्था IRF और पेस टीवी भारत, कनाडा, बांग्लादेश, श्रीलंका और यूके में बैन हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि 2003 से 2017 के बीच उसने खाड़ी देशों से 64 करोड़ रुपये की फंडिंग ली, जिससे भारत में प्रॉपर्टी खरीदी गई और कट्टरपंथी कंटेंट फैलाया गया।
PFI और SIMI जैसे प्रतिबंधित संगठनों से लिंक
छांगुर बाबा का नेटवर्क प्रतिबंधित संगठनों PFI और SIMI के साथ भी जुड़ा पाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, PFI के कुछ नेता, जो पहले SIMI से जुड़े थे, मध्य-पूर्व देशों से पैसे जुटाकर भारत में कट्टरपंथी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ED ने इन संगठनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में केरल और UAE में रियल एस्टेट से जुड़े कई सुराग भी पाए हैं।
सरकार और एजेंसियों की कार्रवाई तेज
गृह मंत्रालय को भेजी गई आयकर विभाग की रिपोर्ट के बाद ED और केंद्रीय एजेंसियां इस रैकेट को खत्म करने में जुट गई हैं। बलरामपुर, मुंबई के बांद्रा और माहिम सहित 14 जगहों पर छापे मारे गए हैं। जांच में 2 करोड़ रुपये का एक संदिग्ध लेन-देन भी मिला है, जो छांगुर के सहयोगी शहजाद शेख के खाते में गया था।