बांग्लादेश से आए विस्थापित हिंदू परिवारों को अब मिलेगा जमीन पर कानूनी हक,
CM योगी ने दिया निर्देश
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में बसे उन हजारों परिवारों को कानूनी रूप से भूमि स्वामित्व देने के निर्देश दिए हैं, जो विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान अब बांग्लादेश से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ भूमि देने का मामला नहीं है, बल्कि उन लोगों के संघर्ष और बलिदान को सम्मान देने का कार्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन परिवारों से संवेदना और सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए, क्योंकि यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
वर्षों से बसाए गए लेकिन अब तक नहीं मिला अधिकार
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि 1960 से 1975 के बीच हजारों विस्थापित परिवारों को पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जिलों में बसाया गया था। शुरुआत में इन्हें ट्रांजिट कैंपों के माध्यम से विभिन्न गांवों में बसाया गया और कृषि भूमि भी दी गई, लेकिन समय के साथ कानूनी और प्रशासनिक गड़बड़ियों के कारण ये परिवार आज तक अपनी भूमि के वैध मालिक नहीं बन पाए।
दस्तावेजी समस्याएं बनी रहीं बाधा
इन विस्थापित परिवारों को जिस जमीन पर बसाया गया, वह कहीं राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुई, कहीं वन विभाग के नाम चली गई, तो कहीं नामांतरण की प्रक्रिया अधूरी रह गई। कुछ जगहों पर तो अन्य राज्यों से आए विस्थापित भी बस गए, जिससे विवाद की स्थिति बनी। वर्षों से खेती कर रहे कई परिवारों ने अपने घर भी बना लिए हैं, लेकिन राजस्व अभिलेखों में उनका नाम नहीं दर्ज है।
मुख्यमंत्री ने दिए स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि यदि पहले जमीन का आवंटन गर्वनमेंट ग्रांट एक्ट के तहत हुआ था, तो अब नए वैधानिक उपायों को खोजा जाए, क्योंकि यह अधिनियम 2018 में समाप्त हो चुका है। उन्होंने इसे केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, मानवता और राष्ट्रीय जिम्मेदारी का विषय बताया और कहा कि यह फैसला हजारों उपेक्षित परिवारों को गरिमापूर्ण जीवन की ओर ले जाने वाला साबित हो सकता है।