योगी सरकार ने तैयार किया घुसपैठियों को रोकने का फुलप्रूफ प्लान, हाईटेक तकनीक से होगी पहचान,
डिटेंशन सेंटर बनेगा अभेद किला
6 days ago Written By: Ujjwal Somvanshi
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में घुसपैठियों पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा और सख्त प्लान तैयार किया है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में किसी भी बाहरी घुसपैठिए को छुपकर रहने का मौका न मिले और उनकी गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगे। सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार अब हाईटेक और मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसे लोगों की पहचान करेगी और उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा, जिनकी सुरक्षा इतनी मजबूत होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। इसके साथ ही घुसपैठियों की विस्तृत बायोमैट्रिक प्रोफाइल बनाई जाएगी और उन्हें निगेटिव लिस्ट में डालकर पूरे देश में शेयर किया जाएगा, ताकि वे फिर कभी भारत की सीमा में दाखिल न हो सकें।
हाईटेक तकनीक से होगी घुसपैठियों की पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि घुसपैठियों को चिन्हित करने के लिए सबसे आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। इससे फर्जी पहचान पत्र और अन्य जाली दस्तावेजों को स्कैन कर उनकी सच्चाई का पता लगाया जा सकेगा। तकनीक की मदद से यह भी पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति प्रदेश में कब से रह रहा है और उसने फर्जी दस्तावेज कैसे बनवाए। सरकार का लक्ष्य है कि फर्जी पहचान से जुड़े पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जाए और ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि आगे कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेज न बनवा सके।
डिटेंशन सेंटर में अत्यंत कड़ी सुरक्षा, परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर सभी पकड़े गए घुसपैठियों को जिन डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा, उनकी सुरक्षा को अभेद बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन सेंटरों में इतनी मजबूत सुरक्षा होगी कि कोई अंदर-बाहर नहीं जा सकेगा। सीसीटीवी से लेकर फेशियल स्कैनिंग तक, हर स्तर पर निगरानी को हाईटेक बनाया जा रहा है।
तैयार होगी विस्तृत बायोमैट्रिक प्रोफाइल योगी सरकार घुसपैठियों की बायोमैट्रिक प्रोफाइल तैयार कर उन्हें निगेटिव लिस्ट में दर्ज करेगी। इसमें उनके फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फेस रिकॉग्निशन का पूरा डेटा शामिल होगा। बता दें कि यह लिस्ट पूरे देश के राज्यों के साथ साझा की जाएगी, ताकि ये लोग न तो आधार कार्ड बनवा सकें और न ही किसी सरकारी पहचान से जुड़ सकें। सरकार का मानना है कि यह मॉडल पूरे देश में लागू किया जा सकता है और इससे घुसपैठ पूरी तरह रोकी जा सकेगी।