वाराणसी में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत, परिजनों का आरोप- जिंदा था बच्चा,
डॉक्टर के ब्लेड लगने से हुई मौत
14 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: वाराणसी के शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। शुक्रवार रात एक डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्चा जन्म के समय जिंदा था, लेकिन डॉक्टर ने जब नाल काटी, तो सर्जरी ब्लेड गलती से उसके सिर में लग गई, जिससे नस कट गई और अत्यधिक खून बहने के कारण उसकी मौत हो गई। वहीं, महिला वार्ड की हेड डॉ. अनुराधा सचान का कहना है कि बच्चा पहले से ही मृत था, ब्लेड का लगना एक संयोग था।
सुबह से भर्ती थी महिला शाम को हुआ ऑपरेशन
पीड़ित परिवार वाराणसी के पड़ाव इलाके का रहने वाला है। पति अनीशुर्रहमान एक बुनकर हैं। शुक्रवार सुबह उनकी पत्नी शबनम को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उन्हें कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल ले आए। सुबह 8:30 बजे महिला को जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती कर लिया गया। शाम 7 बजे फिर दर्द शुरू हुआ तो डॉक्टरों ने पहले सामान्य डिलीवरी की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो महिला को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया।
परिवार ने लगाया आरोप कहा-ऑपरेशन के बाद हुई मौत
परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद बच्चा जिंदा था, लेकिन डॉक्टर की गलती से उसके सिर में ब्लेड लग गया। अत्यधिक ब्लीडिंग हुई और कुछ ही समय में नवजात की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल में तैनात डॉक्टरों से पूछताछ की। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि डिलीवरी के नाम पर नर्स ने 2500 रुपए लिए थे, जो बच्चे की मौत के बाद वापस कर दिए गए। पुलिस ने एडमिट रजिस्टर और केस हिस्ट्री की जांच की, जिसमें ऑपरेशन का जिक्र था।
डॉक्टरों ने कहा- पहले ही बता दिया था बच्चा मृत है
डॉ. अनुराधा सचान का कहना है कि शाम को जब शबनम की जांच की गई, तब ही पता चल गया था कि बच्चे की धड़कन नहीं मिल रही है। यह बात बच्चे के पिता को बता दी गई थी और ऑपरेशन की सहमति ली गई थी। ऑपरेशन के दौरान बच्चे के सिर में कुछ लग गया, लेकिन हमने इसलिए नहीं बताया क्योंकि बच्चा पहले से मृत था।
पुलिस कर रही जांच पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलेगा सच
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि नवजात की मौत डिलीवरी से पहले हुई थी या डॉक्टरों की लापरवाही से। फिलहाल अस्पताल में सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात कर दी गई है और स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।