वाराणसी में गाय को लेकर ठाकुर और राजभर पक्षों के बीच जमकर चलें लाठी डंडे,
मामला बढ़ा तो बना सियासी मुद्दा, जांच के लिए SIT गठित
14 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने को लेकर ठाकुर और राजभर बिरादरी के लोगों के बीच विवाद हो गया। संजय सिंह के खेत में एक छुट्टा गाय घुस गई, जिसे भगाने पर वो गाय पास के राजभरों के खेत में चली गई। राजभर पक्ष के लोगों ने फिर गाय को संजय सिंह के खेत की तरफ भगा दिया। इसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और देखते ही देखते विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
तलवार और लाठियों से हमला
आरोप है कि राजभर पक्ष ने अनुराग सिंह और संजय सिंह पर तलवार से हमला किया। फिर दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगे। चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस के सामने ही संजय सिंह और उनके परिवार को पीटा गया। जब पुलिस घायलों को अस्पताल लेकर जा रही थी, तभी रास्ते में दोबारा हमला किया गया। हमले में घायल हुए लोगों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। मंत्री अनिल राजभर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और अपने बिरादरी के लोगों से मुलाकात की। 6 जुलाई को ज्वाला प्रसाद राजभर की तहरीर पर संजय सिंह, अनुराग सिंह, अमित सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति पर हत्या के प्रयास समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। अनुराग सिंह और अमित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
संजय सिंह की तहरीर पर नहीं हुई कार्रवाई
संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब पुलिस संजय सिंह को जीप में ले जा रही थी, तभी राजभर पक्ष के लोगों ने जीप से उतारकर फिर हमला किया। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह घायल संजय सिंह से मिलने पहुंचे और केस दर्ज कराने थाने पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही।
DGP से मंत्री के बेटे की मुलाकात के बाद हुआ बड़ा एक्शन
मंत्री ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने लखनऊ में DGP राजीव कृष्ण से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। इसके बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने क्राइम मीटिंग बुलाई और लापरवाही बरतने पर चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को लाइन हाजिर कर दिया। सूत्रों के अनुसार उन्हें मीटिंग से बाहर निकाल दिया गया।
अब दोनों पक्षों पर FIR जांच के लिए बनी SIT
8 जुलाई को संजय सिंह की तरफ से दी गई तहरीर पर छह नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया। आरोपियों में भोला राजभर, राम गुलाम, सुरेंद्र, राजेंद्र, रामाश्रय, महेंद्र राजभर शामिल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने SIT का गठन किया है। इस टीम में चार IPS अधिकारी शामिल हैं।
सियासी दखल से मामला बना जातीय तनाव का मुद्दा
राजनेताओं की एंट्री के बाद मामला सियासी और जातीय रंग लेने लगा है। एक तरफ अनिल राजभर और उनके समर्थक खड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ करणी सेना, भाजपा नेता और ठाकुर समुदाय के अन्य प्रतिनिधि। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी छितौना गांव पहुंचा और पूरी घटना की रिपोर्ट अखिलेश यादव को भेजी गई। वहीं अब यह मामला सिर्फ एक झगड़े तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रशासन, राजनीति और जातीय समीकरणों के बीच जटिल हो गया है। पुलिस का कहना है कि निष्पक्ष जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।