यूपी के स्कूलों में 25 हजार टीचर गायब, 90% कॉलेज बिना प्रिंसिपल…
बच्चों की पढ़ाई का बुरा हाल
27 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालय इस समय शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इस कमी का असर सीधे तौर पर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है और स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था भी बिगड़ चुकी है। प्रदेश के 4512 एडेड और 2441 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में करीब 25,000 शिक्षक पद खाली हैं। यही नहीं, 90 प्रतिशत एडेड कॉलेज स्थायी प्रधानाचार्य के बिना कार्यवाहक प्रधानाचार्यों के सहारे चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने अब रिक्त पदों को भरने और पदोन्नति की प्रक्रिया तेज करने की तैयारी शुरू की है।
एडेड और राजकीय विद्यालयों की स्थिति प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों में फिलहाल 65,000 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन 25,000 से ज्यादा पद खाली हैं। 2441 राजकीय विद्यालयों (1486 हाईस्कूल और 955 इंटर कॉलेज) में ही 11,000 से अधिक शिक्षक पद रिक्त हैं। इनमें 450 से ज्यादा इंटर कॉलेज ऐसे हैं जहां प्रधानाचार्य का पद खाली है और कार्यवाहक प्रिंसिपल काम चला रहे हैं। इस वजह से पढ़ाई और प्रशासन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
पदोन्नति में देरी बनी बड़ी समस्या शिक्षकों की पदोन्नति वर्षों से अटकी हुई है। एलटी ग्रेड से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति वरिष्ठता सूची न बनने के कारण आगे नहीं बढ़ सकी। हाल ही में पदोन्नति कोटे को 83% से घटाकर 66% कर दिया गया और इसमें खंड शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल कर दिया गया, जिससे स्थिति और उलझ गई। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भड़ाना ने कहा कि सीधी भर्ती से कुछ प्रधानाचार्यों की नियुक्ति जरूर हुई, लेकिन पदोन्नति कोटे से नियुक्तियां अब भी अटकी हुई हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने कहा कि स्थायी प्रधानाचार्यों की कमी से कॉलेजों की प्रशासनिक व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन आंदोलन का रास्ता अपनाएगा।
सरकार का दावा और उम्मीदें माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि विभाग रिक्त पदों को भरने और पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने पर गंभीरता से काम कर रहा है। हालांकि अभिभावकों का कहना है कि शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और सरकार को तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।