लखनऊ में PET-2025 परीक्षा में सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़,
डॉक्टर समेत तीन गिरफ्तार
10 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET-2025) में नकल और धांधली का बड़ा मामला सामने आया है। लखनऊ पुलिस ने गौतमपल्ली थाना क्षेत्र में एक सॉल्वर गिरोह का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो सॉल्वर और एक दलाल शामिल है। पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर रहा था और अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलकर उनकी जगह सॉल्वर बैठाता था।
कैसे हुआ खुलासा
यह मामला लखनऊ के जियामऊ स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र का है। परीक्षा के दौरान कंट्रोल रूम को एक संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने मौके पर छापेमारी की। जांच में सामने आया कि बिहार के शेखपुरा निवासी रवीश कुमार, सुमित यादव नामक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दे रहा था। उसके पास सुमित यादव के नाम पर फर्जी आधार कार्ड और प्रवेश पत्र मिला, जिन पर उसकी खुद की फोटो लगी थी।
आरोपी और उनका नेटवर्क
पुलिस ने रवीश कुमार से पूछताछ की तो उसने अपने साथी जमुई निवासी विकास कुमार ताती और मऊ निवासी डॉ. अमित गुप्ता का नाम बताया। डॉ. गुप्ता फिलहाल बलिया में संविदा पर डॉक्टर के पद पर काम कर रहा था। पुलिस का कहना है कि वही इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह अभ्यर्थियों से 50 हजार रुपये लेकर सॉल्वर उपलब्ध कराता था। इसमें से 25 हजार रुपये सॉल्वर को दिए जाते थे और बाकी रकम खुद रखता था। पुलिस ने आरोपियों से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
गौतमपल्ली पुलिस ने तीनों आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश, 2024 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। सभी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अब उन अन्य अभ्यर्थियों की तलाश में जुटी है, जिनकी जगह यह गैंग सॉल्वर बैठाता था।
सख्त निगरानी से पकड़ा गया मामला
PET-2025 परीक्षा में धांधली रोकने के लिए इस बार बायोमेट्रिक और आइरिस स्कैनिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था। यही वजह रही कि संदिग्धों की पहचान समय पर हो सकी। डीसीपी (सेंट्रल) अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। उन्होंने कहा कि STF और स्थानीय पुलिस मिलकर इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान करने और पूरे रैकेट को खत्म करने में जुटी है।