यूपी में मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद तबादलों पर ब्रेक,
पशुधन और तकनीकी शिक्षा विभाग में ट्रांसफर सेशन जीरो, 250 आदेश रद्द
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल तबादलों को लेकर सख्त रुख अपना लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के बाद अब पशुधन और प्राविधिक शिक्षा विभाग में भी तबादलों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यह फैसला तब लिया गया जब पशुधन विभाग में हुई तबादलों की गड़बड़ियों की शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ तत्काल प्रभाव से तबादलों पर रोक लगाई, बल्कि पूर्व में किए गए तबादलों को भी निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। बताया जा रहा है कि पशुधन विभाग में बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई थीं, जिसमें सैकड़ों अधिकारियों का स्थानांतरण सेवानिवृत्त होने से पहले ही कर दिया गया था। इसके चलते सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा कर सख्त कदम उठाया है।
सेवानिवृत्ति से पहले ही कर दिए 250 से अधिक तबादले
दरअसल, यह मामला पशुधन विभाग से शुरू हुआ, जहां 15 मई से 15 जून के बीच तबादले होने थे। लेकिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव के. रवींद्र नाइक और तत्कालीन निदेशक जयकेश पांडेय ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले ही 250 से अधिक पशु चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों का तबादला कर दिया। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी के आरोप सामने आए। कुछ पार्टी नेताओं ने भी इन तबादलों पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद जांच हुई और पाया गया कि कई स्थानांतरण पारदर्शिता के बिना किए गए थे।
तबादलों में भ्रष्टाचार पर सीएम का जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले से ही सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि तबादले केवल नीति के अनुसार पारदर्शिता से किए जाएं। उन्होंने साफ कहा था कि तबादलों में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। पशुधन विभाग में आई शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री धर्मपाल सिंह को निर्देश दिए कि सभी तबादले रद्द कर दिए जाएं। इसके बाद मंत्री ने ट्रांसफर ऑर्डर निरस्त कर विभाग में इस साल ट्रांसफर सेशन को जीरो घोषित कर दिया। विभाग के नए निदेशक योगेंद्र पंवार ने बताया कि उन्हें 9 जून को विभाग का चार्ज मिला है और 30 मई से पहले ही तबादले के ऑर्डर जारी हो चुके थे। यानी उनके कार्यभार संभालने से पहले ही सारी प्रक्रिया हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार ट्रांसफर पर रोक के आदेशों का पालन किया।
मंत्री आशीष पटेल ने विभागीय कारणों से नहीं किए तबादले
इसी तरह प्राविधिक शिक्षा विभाग में भी इस साल लगातार दूसरे वर्ष ट्रांसफर सेशन जीरो रहा है। पिछले साल विभाग के मंत्री आशीष पटेल और तत्कालीन प्रमुख सचिव एम. देवराज के बीच मतभेदों के चलते तबादले नहीं हो सके थे। इस बार भी मंत्री ने विभागीय कारणों से तबादले नहीं करने का निर्णय लिया। नतीजतन विभाग में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं हुआ।
BSA से लेकर सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पर लगी रोक
बेसिक शिक्षा विभाग में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद यह आदेश जारी किया कि विभाग में किसी भी अधिकारी का तबादला अगले आदेश तक नहीं किया जाएगा। इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से लेकर अन्य सभी अधिकारियों के तबादले शामिल हैं। संदीप सिंह ने कहा कि इस समय विभाग की प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना है, इसलिए विभागीय स्थिरता जरूरी है। इसी वजह से तबादलों पर रोक लगाई गई है।
दो साल पहले मृत लेखाकार का ट्रांसफर
इस बीच एक चौंकाने वाला मामला भी सामने आया, जिसने सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया। आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय की 15 जून को जारी एक तबादला सूची में 155वें नंबर पर एक ऐसे लेखाकार का नाम शामिल था, जिसका निधन दो साल पहले ही हो चुका था। मृत लेखाकार चारुल पांडेय को प्रयागराज के लीगल डिवीजन से फतेहपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में ट्रांसफर किया गया था। जैसे ही यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि यह गलती मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी अपडेट न होने की वजह से हुई। नोडल प्रभारी मनोज कुमार, जिन्हें पोर्टल पर सटीक जानकारी भरने की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने ही निदेशक को बताया कि लेखाकार चारुल पांडेय का निधन हो चुका है। इसके बाद निदेशक साधना श्रीवास्तव ने तत्काल आदेश जारी कर उस तबादले को निरस्त कर दिया। उन्होंने साफ किया कि संबंधित अधिकारी की गलती के कारण यह नाम ट्रांसफर लिस्ट में शामिल हुआ और इसे अब विलोपित मान लिया गया है।


भ्रष्टाचार और लापरवाही पर तुरंत होगी कार्रवाई
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह साफ हो गया है कि यूपी सरकार तबादलों को लेकर अब कोई भी लापरवाही नहीं बर्दाश्त करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थानांतरण नीति का उल्लंघन, भ्रष्टाचार और किसी भी स्तर की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई होगी। सभी विभागों को आदेश दिए गए हैं कि तबादले की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से हो और यदि कहीं से भी शिकायत आती है तो तुरंत संज्ञान लिया जाएगा। जनता और अधिकारियों के बीच यह संदेश गया है कि अब उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि धरातल पर भी दिखाई दे रही है। चाहे वह पशुधन विभाग हो, प्राविधिक शिक्षा विभाग या फिर बेसिक शिक्षा विभाग, हर जगह सरकार की सख्ती अब नजर आने लगी है। इससे एक ओर जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, वहीं दूसरी ओर सिस्टम में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।