यूपी में कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई,
एसआईटी हुई गठित
6 days ago Written By: Aniket Prajapati
उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच जिलों में कोडीन-आधारित कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के अवैध भंडारण और बिक्री पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईजी-स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई। सरकार ने कहा है कि वह इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। एसआईटी में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्राधिकरण (एफडीएसए) के अधिकारी भी शामिल होंगे और यह टीम सभी जिलों में चल रही जांच की निगरानी करेगी।
सरकार का कहना कफ सिरप से मौत का कोई मामला नहीं
मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि कोडीन-आधारित कफ सिरप की वजह से राज्य में किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एसआईटी अब तक पकड़े गए आरोपियों से जुड़े हर सुराग को जोड़ेगी और सभी वित्तीय लेनदेन की भी गहन जांच करेगी।
डीजीपी ने बताया सुपर स्टॉकिस्टों का नेटवर्क उजागर
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि जांच में एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसके ‘सुपर स्टॉकिस्ट’ राज्यभर में अवैध रूप से कोडीन कफ सिरप की सप्लाई कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पांच प्रमुख सुपर स्टॉकिस्टों की पहचान की गई है, जिनमें से तीन भोला जायसवाल (वाराणसी), विभोर राणा (सहारनपुर) और सौरभ त्यागी (गाजियाबाद) को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो अन्य की जांच जारी है। अब तक 3.5 लाख बोतलें बरामद हुई हैं, जिनकी कीमत करीब 4.5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। कुल 32 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
सीमाओं के पार तस्करी के सबूत
डीजीपी ने बताया कि नेपाल और बांग्लादेश की ओर कफ सिरप की स्मगलिंग के प्रमाण मिले हैं। बैंकिंग चैनलों के जरिए हुए संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की भी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं से सावधान रहने की अपील की। मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के विदेश जाने की खबरों पर डीजीपी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो उसका प्रत्यर्पण भी कराया जाएगा।
एफडीएसए ने शुरू की व्यापक कार्रवाई
एफडीएसए आयुक्त रोशन जैकब ने कहा कि कोडीन-आधारित सिरप प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन इसे केवल डॉक्टर की पर्ची पर बेचा जा सकता है। समस्या तब होती है जब बिना रिकॉर्ड या दस्तावेज के भारी मात्रा में सप्लाई की जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक 280 दवा लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। एफडीएसए व सीबीएन की संयुक्त जांच में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड की कई कंपनियों की जांच की गई और पाया गया कि यूपी के चुनिंदा प्रतिष्ठानों को बार-बार बड़ी मात्रा में कफ सिरप भेजा गया। इसके बाद 28 जिलों में 128 दवा दुकानों पर बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं