यूपी में SIR की बढ़ी डेट, अब 25 दिसंबर तक जुड़वा सकेंगे नाम…
सीएम योगी और विपक्ष दोनों सक्रिय
5 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समय सीमा बढ़ा दी गई है। पहले यह प्रक्रिया 11 दिसंबर तक निर्धारित थी, लेकिन अब चुनाव आयोग ने इसे 25 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। राज्य में चल रही इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता मिले हैं जिनके फॉर्म जमा नहीं हुए या जिनका पता नहीं मिल सका। इसी वजह से आयोग को समय बढ़ाने की जरूरत महसूस हुई। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे प्राथमिकता देने को कहा है, जबकि विपक्ष इस प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठा रहा है।
14 दिन बढ़ी SIR की डेडलाइन सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में SIR की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। अब मतदाता अपने नाम 11 दिसंबर के बजाय 25 दिसंबर तक जुड़वा सकेंगे। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अब तक 91% SIR फॉर्म बांटे जा चुके हैं, जिनमें से 80% फॉर्म मतदाताओं ने जमा कर दिए हैं। लगभग 76% वोटर्स का रिकॉर्ड 2003 की वोटर लिस्ट से मैप भी हो चुका है।
18% वोटर्स तक नहीं पहुंचे फॉर्म, लाखों नाम संदिग्ध जारी आंकड़ों के अनुसार करीब 2.91 करोड़ वोटर्स तक SIR फॉर्म नहीं पहुंच पाए हैं। अब तक की जांच में 1.27 करोड़ शिफ्टेड वोटर्स, 46 लाख मृतक, 23.69 लाख डुप्लीकेट वोटर्स की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा 84.74 लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं मिल रहा, जबकि 9.57 लाख लोगों ने फॉर्म लेकर वापस नहीं किया। चुनाव अधिकारी चाहते हैं कि राजनीतिक दलों के BLA इन मतदाताओं को खोजने में मदद करें।
सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं को दिया विशेष निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में कहा कि अगला एक महीना पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करना चाहिए। उनका जोर था कि कोई पात्र नागरिक छूट न जाए, अपात्र का नाम सूची में दर्ज न हो, योगी ने इसे लोकतंत्र की मजबूती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
विपक्ष ने लगाया गंभीर आरोप सपा सांसद राजीव राय ने लोकसभा में SIR प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि चुनाव सुधार की आड़ में लोकतंत्र का चीरहरण किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि उनके क्षेत्र में SIR प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही 1,000 से अधिक नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा चुके हैं। राजीव राय ने कहा कि गड़बड़ियों के चलते उनके परिवार के एक सदस्य तक को मृत दिखा दिया गया है।