हाईकोर्ट ने यूपी के 5000 स्कूलों के मर्जर को दी मंजूरी,
याचिकाएं खारिज
19 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 5000 से अधिक प्राइमरी और उच्च प्राथमिक स्कूलों के विलय (मर्जर) के फैसले को लेकर दायर की गई याचिकाओं को लखनऊ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने मंगलवार 8 जुलाई 2025 को दोपहर बाद अपना फैसला सुनाया और याचिकाओं को खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद राज्यभर में चर्चा का विषय बने इस आदेश पर अब अंतिम मुहर लग गई है।
सरकार ने मर्जर के पीछे दी शिक्षा गुणवत्ता सुधार की दलील
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून 2025 को आदेश जारी कर यह निर्देश दिया था कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है, उन्हें पास के उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज किया जाए। विभाग का कहना था कि इससे शिक्षकों की तैनाती, संसाधनों का वितरण और शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर की जा सकेगी। सरकार ने यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उठाया है, जिसमें क्लस्टर आधारित स्कूलों की अवधारणा को बढ़ावा दिया गया है।
छात्रों ने जताई थी आपत्ति
इस आदेश के खिलाफ सबसे पहले सीतापुर जिले की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों की ओर से याचिका दाखिल की गई। इसके अलावा एक अन्य याचिका भी पेश की गई थी। याचियों की तरफ से तर्क दिया गया कि यह आदेश "शिक्षा का अधिकार अधिनियम" (RTE Act) का उल्लंघन करता है। उनके अनुसार, छोटे बच्चों को दूर के स्कूलों तक पहुंचना मुश्किल होगा, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होगी और असमानता बढ़ेगी।
4 जुलाई को पूरी हुई थी सुनवाई
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 4 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। आखिरकार 8 जुलाई को कोर्ट ने सभी दलीलों को खारिज करते हुए सरकार के फैसले को सही ठहराया और याचिकाओं को निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार मर्जर की प्रक्रिया को तेज कर सकती है।