राजस्व परिषद का डिजिटलीकरण की ओर बड़ा कदम,
गांव स्तर पर ही मिलेंगी राजस्व सेवाएं
10 days ago
Written By: विनय के. सिंह
उत्तर प्रदेश में राजस्व प्रशासन को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में राजस्व परिषद ने राज्यभर में लेखपालों के कार्य को तकनीकी रूप से सक्षम करने और राजस्व सेवाओं को गांव स्तर पर पहुंचाने की योजना लागू कर दी है। इस पहल से प्रदेश के 10 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।
नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर
दरअसल राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया है कि अब नागरिकों को वरासत, भू-अभिलेख अद्यतन, प्रमाण पत्रों की संस्तुति जैसी सेवाओं के लिए तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ये सभी सेवाएं ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन से ही उपलब्ध कराई जाएंगी।
लेखपालों के लिए डिजिटल उपकरण
वहीं परिषद अध्यक्ष ने बताया है कि प्रदेश के सभी लेखपालों को अब तहसील स्तर पर एक निर्धारित कार्यस्थल मिलेगा। यहां हाई-स्पीड इंटरनेट और आधुनिक डेस्कटॉप की सुविधा दी जा रही है ताकि उनका काम तेजी और पारदर्शिता के साथ हो सके। इसके साथ ही, सभी लेखपालों को टैबलेट और मोबाइल इंटरनेट की सुविधा भी दी जा रही है जिससे वे सीधे गांवों से ही राजस्व सेवाएं प्रदान कर सकें।
पहले से पता होगी लेखपाल की उपस्थिति
नई व्यवस्था के तहत ग्राम स्तर पर रोस्टर प्रणाली लागू की जाएगी जिससे लोगों को पहले से पता होगा कि उनके हलके का लेखपाल किस दिन ग्राम में उपस्थित रहेगा। इससे सेवा वितरण में पारदर्शिता और निश्चितता आएगी।
एकीकृत डिजिटल लॉगिन पोर्टल की तैयारी
बताया जा रहा है कि राजस्व परिषद सिंगल विंडो लॉगिन सिस्टम भी विकसित कर रहा है, जिसके जरिए प्रमाणपत्रों की सिफारिश, भूमि निरीक्षण रिपोर्ट, वरासत व अन्य सेवाएं एक ही पोर्टल से की जा सकेंगी। यह न सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि कार्यालयीन व्यवस्था को भी केंद्रीकृत और दक्ष बनाएगा।
डिजिटल बदलाव से नागरिकों में बढ़ेगा भरोसा
अनिल कुमार ने बताया है कि यह परिवर्तन केवल सेवा सुविधा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे नागरिकों और प्रशासन के बीच विश्वास भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह मॉडल पूरे प्रदेश में राजस्व व्यवस्था को नई दिशा और गति देगा।