ब्रजेश पाठक के विभाग में चलती है सपा के इस नेता की हनक,
सीएम को मिली जानकारी तो शुरू हुई ईओडब्ल्यू जांच
1 months ago
Written By: STATE DESK
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार तो भाजपा की है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सपा के एक कद्दावर नेता का कब्जा है। एक दो जिलों में नहीं बल्कि लगभग आधे यूपी में। कानपुर में डीएम और सीएमओ के विवाद के अचानक से सपा के इस नेता का नाम सामने आ गया अन्यथा सपा का यह नेता कई वर्षों से मेडिकल सप्लाई के कारोबार में संलिप्त है। सीबीआई की ओर से आरोपपत्र पाए और जेल जा चुके सपा के इस नेता का नाम आने के बाद अब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। शासन ने सपा के इस नेता और पूर्व विधायक के खिलाफ ईओडब्ल्यू जांच कराने की संस्तुति की है।
37 जिलों के अस्पतालों में मेडिकल सप्लाई की शुरू हुई जांच
सपा के इस नेता का नाम है मुकेश श्रीवास्तव है, जो कि कभी कांग्रेस पार्टी से पयागपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक था। शासन की ओर से पुलिस महानिदेशक आर्थिक अनुसंधान संस्थान कोकहते हैओं लिखे गए पत्र में बताया गया कि पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव दवा व्यवसायी के फर्मों द्वारा लगभग 37 जिलों में कार्य करते हुए गंभीर वित्तीय अनियमितताओं एवं जनपद बहराइच के विधानसभा क्षेत्र पयागपुर में 500 बेड का अस्पताल बनवाने की जांच कराने का निर्देश प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद की ओर से दिया गया है।
प्रदेश के डिप्टी CM पर भी उठ रहे सवाल
उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच का आदेश होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया है। शासन ने निर्देश दिया है कि 37 जनपदों में पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है। एसी स्थिति में समस्त जिलों की जांच की जाए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद वह बहुत सख्त हो गए हैं। उधर, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के विभाग में मुख्य विपक्षी पार्टी के एक नेता द्वारा 37 जिलों में कार्य कराए जाने की सूचना से उप मुख्यमंत्री भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। बताते चलें कि पयागपुर के भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी पूर्व विधायक पर लगातार गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। गृह विभाग की ओर से मुकेश श्रीवास्तव के खिलाफ सतर्कता जांच कराई जा रही थी, लेकिन मुकेश श्रीवास्तव की पैठ इतनी अधिक थी कि जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी। हालांकि कानपुर विवाद के बाद जब मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंचा तो कलई खुलने लगी।

मुकेश श्रीवास्तव ने ही कराया था सीएमओ से प्रेस कांफ्रेंस
सूत्रों के मुताबिक कानपुर के जिलाधिकारी के खिलाफ सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी ने प्रेस कांफ्रेंस करके जो गंभीर आरोप लगाए थे, उसके पीछे मुकेश श्रीवास्तव ही हैं। स्वास्थ्य विभाग में मुकेश श्रीवास्तव का इतना प्रभाव है कि 37 जनपदों के सीएमओ उसके इशारे पर चलते हैं। सीएमओ द्वारा डीएम पर दिए गए जातिगत बयान का सुझाव भी मुकेश श्रीवास्तव द्वारा दिया गया था।
