दोबारा सुर्खियों में 2015 का अखलाक हत्याकांड… सरकार ने लगाई केस खत्म करने की अर्जी,
विपक्ष आक्रामक
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में साल 2015 में हुए चर्चित मोहम्मद अखलाक हत्याकांड मामले में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों को वापस लेने की अर्जी दी है। इस कदम के बाद मामले पर फिर से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। सरकार की ओर से दायर याचिका पर 12 दिसंबर को सुनवाई हो सकती है। वहीं, इस निर्णय पर पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कड़ा विरोध जताया है और कहा है कि अखलाक की हत्या एक संगीन घटना थी, ऐसे में आरोपियों पर कार्रवाई वापस नहीं होनी चाहिए। अब सभी की निगाहें आने वाली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।
सरकार ने लगाया मुकदमा वापस लेने का प्रस्ताव
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील भाग सिंह बाटी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें अखलाक हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को खत्म करने का आग्रह किया गया है। यह आवेदन सूरजपुर कोर्ट में दिया गया है। अब कोर्ट इस पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा और फैसला लेगा कि मुकदमे वापस लिए जाएं या नहीं।
अखलाक परिवार के वकील का बयान अखलाक के परिवार की ओर से वकील यूसुफ सैफी ने कहा कि उन्होंने अभी तक आधिकारिक दस्तावेजों को नहीं देखा है। लेकिन उन्हें इस कदम की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि वह कोर्ट में सुनवाई के दिन ही इस पर अपनी बात रखेंगे।
सपा नेता एसटी हसन ने किया विरोध पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में एक निर्दोष व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। उसके फ्रिज में बकरे का मांस मिलने की अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ा गया था। हसन ने कहा कि हत्या में शामिल लोग जरूर मौजूद थे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका इस स्तर पर नहीं है कि ऐसे गंभीर मामलों में मुकदमे वापस लेने की अनुमति दे और ऐसा होना भी नहीं चाहिए।
क्या था पूरा मामला 28 सितंबर 2015 को बिसहाड़ा गांव (थाना जारचा क्षेत्र) में अफवाह फैली कि एक घर में गोमांस रखा है। इसके बाद भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा फूटा था और न्याय की मांग की गई थी। अखलाक की पत्नी ने 10 लोगों को नामजद किया था, बाद में 16 और लोग आरोपी बनाए गए। पुलिस ने 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।