पियक्कड़ों ने भर दिया यूपी सरकार का खजाना,
आबकारी विभाग गदगद
23 days ago
Written By: विनय के. सिंह
लखनऊ की आबोहवा इस बार कुछ अलग ही रही। जून की तपती गर्मी में जहां लोग एसी और कूलर की शरण में थे, वहीं एक वर्ग ऐसा भी था जो दिन-रात सरकार की तिजोरी भरने में जुटा था और वो वर्ग था उत्तर प्रदेश के सम्मानित पियक्कड़ों का। जी हां, प्रदेश के आबकारी विभाग ने जून महीने में अकेले 4458.22 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। पिछली बार जून में ये आंकड़ा 3431.20 करोड़ रुपये था। यानी इस बार 1027.02 करोड़ रुपये ज्यादा, और ये सीधे-सीधे लगभग 30% की छलांग है।
98.8 % की छलांग
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल खुद इस उपलब्धि पर खिले नजर आए। उन्होंने बताया कि, अप्रैल से जून तक की तिमाही में सरकार ने 14400 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया था, जिसमें से 14229 करोड़ रुपये का राजस्व पहले ही जुटा लिया गया है। कुल टारगेट का 98.8% हिस्सा हासिल कर लिया गया है और ये पिछले साल के मुकाबले करीब 2445 करोड़ रुपये ज्यादा है। साफ है कि, प्रदेश की जनता ने इस बार कसम खा ली है कि, सरकार की आमदनी में कोई कसर न छोड़ी जाए और वो भी गिलास उठाकर।
अवैध शराब पर भी एक्शन
हालांकि, सरकार ने सिर्फ राजस्व ही नहीं बढ़ाया, बल्कि नकली और अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर भी करारी चोट की है। इस साल जून तक पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ 29,784 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 7.72 लाख लीटर अवैध शराब पकड़ी गई। 5,559 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,075 को जेल की हवा खिलाई गई। तस्करी में इस्तेमाल हो रहे 35 वाहन भी जब्त किए गए। पिछले साल इन्हीं महीनों में 27,276 केस हुए थे और 7.38 लाख लीटर शराब पकड़ी गई थी, लेकिन तब 6,426 गिरफ्तारियां और 2,062 जेल भेजे गए थे। इसका मतलब ये है कि, ये कार्रवाई तो इस बार भी ज़ोरों पर है, लेकिन शायद तस्करों ने भी सावधानी बरतना सीख लिया है।
15 दिन में बड़ी सफलता
सरकार ने जून महीने में 15 दिन का एक विशेष अभियान भी चलाया, जिसमें 5,079 मुकदमे दर्ज हुए, 1.42 लाख लीटर शराब पकड़ी गई और 924 गिरफ्तारियां हुईं। इसमें से 189 आरोपी सीधे जेल भेजे गए और तीन वाहन भी ज़ब्त किए गए। अब ये सब देखकर कोई भी कह सकता है कि, इस साल यूपी में "खाली बोतल नहीं, भरे हुए खजाने की गूंज" सुनाई दे रही है। पियक्कड़ जहां होंठों से गिलास नीचे नहीं रख रहे, वहीं आबकारी विभाग ने अपनी सेल्स रिपोर्ट की लात में आग लगा दी है। ऐसा लग रहा है जैसे सरकार ने कोई ऐसा रिमोट पकड़ लिया है, जिसमें हर एक घूंट के साथ नोटों की गिनती शुरू हो जाती है।