यूपी की सरकार ने घुसपैठियों पर 'फूल-प्रूफ' प्लान बनाया,
डिटेंशन सेंटरों में बायोमीट्रिक प्रोफाइल और नेगेटिव लिस्ट तैयार
5 days ago
Written By: Aniket Prajapati
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की है। बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि डिटेंशन सेंटरों में भेजे गए सभी घुसपैठियों की विस्तृत बायोमीट्रिक प्रोफाइल तैयार की जाए। इसमें फिंगरप्रिंट और फेशियल रेकॉग्निशन जैसी तकनीकें शामिल होंगी। जो भी नाम डिटेंशन सूची में आएंगे, उन्हें नेगेटिव लिस्ट में दर्ज किया जाएगा और यह सूची देशभर के साथ साझा की जाएगी ताकि ये लोग न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि किसी भी जगह दोबारा घुस न सकें। सरकार का कहना है कि यह कदम फूल-प्रूफ प्लान का हिस्सा है और उच्च तकनीक के जरिये फर्जी दस्तावेजों और नेक्सस का भंडाफोड़ भी किया जाएगा।
डिटेंशन सेंटरों में बायोमीट्रिक प्रोफाइल बनाना
सरकार अब डिटेंशन सेंटरों में रखे गए हर घुसपैठिये का बायोमीट्रिक रिकॉर्ड बनाएगी। इस रिकॉर्ड में फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान (फेशियल रेकॉग्निशन) शामिल होंगे। इन प्रोफाइलों का मकसद केवल पहचान पक्का करना नहीं, बल्कि भविष्य में इनके आधार पर उन लोगों की निगरानी और रोकथाम करना है जो बार-बार सीमा पार करने की कोशिश करते हैं।
नेगेटिव लिस्ट और देशव्यापी साझेदारी
घुसपैठियों के नामों को नेगेटिव लिस्ट में दर्ज कर लिया जाएगा। इस लिस्ट को केंद्र और अन्य राज्यों के साथ साझा किया जाएगा ताकि किसी भी व्यक्ति को देश के किसी कोने में प्रवेश करने से रोका जा सके। अधिकारियों का मानना है कि एक केंद्रीकृत नेगेटिव लिस्ट से फिर घुसपैठ की घटनाओं पर तेजी से नकेल कसी जा सकेगी।
हाई-टेक जांच: फर्जी दस्तावेजों का पर्दाफाश
अधिकारियों ने कहा कि हाई-टेक टेक्नॉलजी से फर्जी पहचान पत्र और सरकार के दिखने वाले नकली दस्तावेजों को स्कैन किया जाएगा। साथ ही इन लोगों का पूरा पिछला रिकॉर्ड खंगाला जाएगा ताकि यह पता चले कि वे किस समय से और किस तरह से पहचान छुपाकर रह रहे थे। टेक्नॉलजी के जरिये यह भी पता लगाया जाएगा कि फर्जी दस्तावेज कैसे बनते थे, यानी दस्तावेज बनवाने वाले नेक्सस की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार का दावा है कि यह पूरा प्लान सीमा सुरक्षा मजबूत करने और गलत पहचान पर रोक लगाने में मदद करेगा। अधिकारियों का कहना है कि कानून और मानवाधिकारों का पालन करते हुए, तकनीकी जांच से घुसपैठ रोकने में प्रभावी परिणाम मिलेंगे।