सोनभद्र की जमीन में यूरेनियम का भण्डार ?
भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को मिल सकती है नई ताक़त
6 days ago
Written By: State Desk
भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को नई ऊर्जा और स्थायित्व देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में यूरेनियम खनिज की खोज शुर कर दी है। यह खोज सोनभद्र के म्योरपुर ब्लॉक के पूर्वी देव हार क्षेत्र के चितपहरी जंगलों में की जा रही है, जहां अत्याधुनिक ड्रिलिंग मशीनों और वैज्ञानिक यंत्रों की मदद से करीब 1100 फीट गहरी खुदाई की जा रही है।
वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत हो रही खुदाई
परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMD) की वैज्ञानिक टीम इस खोज का नेतृत्व कर रही है। टीम ने पहले भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और रॉक सैंपल परीक्षण के माध्यम से संभावनाएं तलाशीं, और अब उन संकेतों के आधार पर खुदाई का कार्य शुरू किया गया है। प्रारंभिक खुदाई में कुछ रेडियोधर्मी तत्वों के संकेत अवश्य मिले हैं, पर यह पुष्टि नहीं हुई है कि वह शुद्ध यूरेनियम है या उससे संबंधित कोई अन्य खनिज। फिर भी वैज्ञानिकों और देश के रणनीतिक ऊर्जा समुदाय में इस खोज को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
वन क्षेत्र में खोज
चूंकि खुदाई कार्य वन क्षेत्र के अंदर किया जा रहा है, इसलिए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग पूरी तरह सतर्क हैं। खुदाई स्थल के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है, और आम जनता की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। वन्यजीवों और पर्यावरण पर असर को कम करने के लिए हर कदम पर सावधानी बरती जा रही है।
ग्रामीणों में कौतूहल और उम्मीदें
वहीं क्षेत्र में चितपहरी और आसपास के गांवों में इस गतिविधि को लेकर गहन उत्सुकता और चर्चा का माहौल है। पहली बार ग्रामीणों को इतने बड़े स्तर पर वैज्ञानिक कार्य होते हुए देखने को मिल रहा है। भारी मशीनों की आवाजाही और वैज्ञानिक टीम की सक्रियता ने क्षेत्र में नई संभावनाओं की उम्मीद जगा दी है।
क्यों महत्वपूर्ण है यूरेनियम?
दरअसल यूरेनियम एक अत्यंत मूल्यवान रेडियोधर्मी खनिज है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा उत्पादन और सैन्य हथियारों के निर्माण में होता है। भारत में यूरेनियम के भंडार सीमित हैं, और इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। अगर सोनभद्र में यूरेनियम की पुष्टि होती है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और तकनीकी विकास की दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
सोनभद्र पहले से खनिज संसाधनों का भंडार
आपको बताते चलें कि सोनभद्र जिला पहले से ही बॉक्साइट, मैग्नीज़, आयरन, सिलिका जैसे खनिजों के लिए प्रसिद्ध है। यदि यूरेनियम भी इस सूची में शामिल होता है, तो यह न केवल जिले को अंतरराष्ट्रीय खनन मानचित्र पर स्थापित करेगा, बल्कि यहां के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, बुनियादी ढांचे और विकास के नए रास्ते भी खोलेगा।