मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतिम चरण में—बीजेपी की चिंता बढ़ी,
शहरी वोट गांव में टिक रहे हैं
4 days ago Written By: Aniket Prajapati
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से चल रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) अब अंतिम चरण में पहुँच गया है और इसका असर राजनीतिक समीकरणों पर साफ दिखने लगा है। खासतौर पर भाजपा के लिए समस्या तब पैदा हुई जब कई शहरी मतदाता जो मूलत: गांव के रहने वाले हैं लेकिन शहर में रहते हैं, अपने वोट गांव में ही रखना पसंद कर रहे हैं। इससे शहरी क्षेत्रों की मतदाता संख्या कम होने का खतरा है और वहां के चुनावी समीकरणों में बदलाव आ सकता है। SIR की तारीख में बदलाव की संभावना पर भी चर्चा चल रही है और पार्टी के शीर्ष नेता इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
गांव की ओर झुकाव और बीजेपी की तैयारी
SIR के दौरान कई ऐसे लोग जो साल में एक-दो बार ही गांव जाते हैं, अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए गांव में मतदाता बने रहना चुन रहे हैं। इससे शहरों की मतदाता सूची कम दिखने लगी है और भाजपा के लिए शहरी सीटों पर परंपरागत बढ़त को नुकसान पहुँचने का खतरा बढ़ गया है। बीजेपी ने अब शहरी वोटरों को जोड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। पार्टी का फोकस हारी हुई सीटों पर विशेष है और वह ड्राफ्ट मतदाता सूची आने के बाद फॉर्म-6 (नए वोटर जोड़ना), फॉर्म-7 (गलत नाम हटाना) व फॉर्म-8 (सुधार) के जरिए काम करने की योजना बना रही है। पार्टी नेतृत्व, विधायक और कार्यकर्ता अगले एक महीने तक नए वोट जोड़ने और फर्जी नाम हटाने में लगे रहेंगे।
ड्राफ्ट लिस्ट, समय और उच्चस्तरीय समीक्षा
यदि निर्वाचन आयोग समय में बदलाव नहीं करता तो 16 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने की संभावना है। वहीं आज यूपी में SIR गणना प्रपत्र भरने की आखिरी तिथि बताई जा रही है और आयोग कोई बड़ा फैसला कर सकता है। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने यूपी सहित अन्य राज्यों में SIR की प्रगति की समीक्षा की है। प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने भी राजधानी में विधायकों के साथ समीक्षा बैठक की है। भाजपा 18 वर्ष होने वाले नए युवाओं को भी तेजी से मतदाता सूची में जोड़ना चाहती है।
योगी वाराणसी दौरे और घुसपैठियों की पहचान अभियान
एसआईआर समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी (काशी) पहुँच रहे हैं और मंडल स्तरीय समीक्षा में वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर व चंदौली के अधिकारी व जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। इसी क्षेत्र में नगर निगम को बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान के लिए वार्डवार अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। महापौर ने जन्म प्रमाणपत्रों की गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी बनाई है और गलत पाए जाने पर प्रमाण पत्र रद्द करने व संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। वहीं सरकार डिटेंशन सेंटरों की स्थापना और घुसपैठियों की पहचान की कार्रवाई को तेज कर रही है।