मंत्री संजय निषाद मेरठ में भड़के, कहा- सरकारी योजनाओं में हो रहा फर्जीवाड़ा,
कर्मचारियों की वेतन कटौती के दिए आदेश
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मेरठ में गुरुवार को मत्स्य विभाग की मंडलीय संगोष्ठी के दौरान मंत्री संजय कुमार निषाद का गुस्सा अधिकारियों और कर्मचारियों पर फूट पड़ा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि विभागीय लोग सरकार की योजनाओं के साथ धोखा कर रहे हैं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों की 30 दिन की वेतन कटौती का निर्देश दे दिया और कहा कि मैं इनकी रिपोर्ट तैयार कराकर कार्रवाई कराऊंगा।
मेरठ सेमिनार में मंत्री का फूटा गुस्सा
कार्यक्रम में मेरठ मंडल के छह जिलों से मछुआरा समाज के लोग और पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे थे। उद्देश्य था कि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए और फॉर्म भरवाए जाएं। लेकिन जब मंत्री स्टॉल का निरीक्षण करने पहुंचे, तो कई स्टॉल गायब थे और जो लगे थे भी तो वे खाली थे। एक स्टॉल पर रुककर जब उन्होंने फॉर्म मांगा, तो कर्मचारी ने कहा कि फॉर्म खत्म हो गए हैं। यह सुनकर मंत्री का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये फॉर्म घर से भरकर लाए गए हैं यानी गड़बड़ी हुई है।
CM सहायता योजनाओं के स्टॉल न देखकर मंत्री ने जताई नाराजगी
बता दें कि मंत्री ने जब पूछा कि बाकी योजनाओं के लिए टेबल कहां हैं? मुख्यमंत्री सहायता, चिकित्सा और शिक्षा योजनाओं के स्टॉल क्यों नहीं लगे? कर्मचारी ने जवाब दिया कि फॉर्म ऑनलाइन भरवाए जा रहे हैं। इस पर मंत्री भड़क उठे और बोले कि ग्रामीण जनता ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरेगी? मंत्री ने महिला कर्मचारी को भी फटकार लगाई और उसका वेतन काटने को कहा। फिर नाराज होकर वहां से निकल गए।
मल्लाह-केवट समाज को मिलनी चाहिए सटीक पहचान
कार्यक्रम में मंत्री ने जातीय जनगणना को वंचित समाजों के अधिकार से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह केवल गिनती नहीं, बल्कि हक की लड़ाई है। निषाद, केवट, मल्लाह जैसे समुदायों की पहचान और भागीदारी का यही आधार बनेगा। उन्होंने कांग्रेस, सपा और बसपा को जनगणना के खिलाफ बताया और राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई दी। इस घटनाक्रम के बाद विभागीय कर्मचारियों में खलबली मच गई है।