सहारनपुर के गांव पैरागपुर में 100 साल पुराना रास्ता बंद, दलितों ने लगाया कब्जे का आरोप,
डीएम ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: सहारनपुर ज़िले के गांव पैरागपुर में अनुसूचित जाति और मुस्लिम समुदाय के बीच मुख्य मार्ग को लेकर चल रहा विवाद अब गंभीर रूप लेता जा रहा है। शुक्रवार को अनुसूचित जाति से जुड़े ग्रामीणों ने जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने उनका श्मशान घाट जाने वाला 100 साल पुराना रास्ता रोक दिया है। इस रास्ते को लेकर गांव में पिछले कुछ समय से तनाव की स्थिति बनी हुई है।
11 केवी खंभों और मैप से साबित हो रहा रास्ते का वजूद
ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता खसरा संख्या 141, 146 और 147/1 से होकर गुजरता है, जो अल्ताफ, अकबर और अन्य लोगों के नाम दर्ज है। यह रास्ता टपरी रेलवे जंक्शन से ग्राम दुधली होते हुए सहारनपुर शहर को जोड़ता है और अनुसूचित जाति की बस्ती से होता हुआ श्मशान घाट की ओर जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि यह रास्ता गूगल मैप पर भी साफ दिखाई देता है और यहां पहले से ही 11 केवी के बिजली के खंभे लगे हैं, जो इसकी पुरानी उपयोगिता को दर्शाते हैं।
रास्ता चौड़ा करने के लिए दिए 90 हजार
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि साल 2016 में इसी रास्ते को चौड़ा करने के लिए उन्होंने प्रॉपर्टी डीलर अखलाक, दिलशाद और शमशाद को 90 हजार रुपये दिए थे, लेकिन आज जब प्लॉटिंग शुरू हो गई है तो रास्ते के लिए कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जमीन मालिकों ने जो पहले लेआउट प्लान बनवाया था, उसमें रास्ता दर्शाया गया था, लेकिन अब उसे करीब 10 फीट उत्तर दिशा में खिसका दिया गया है। इससे अनुसूचित जाति की बस्ती का श्मशान घाट तक जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है।
रास्ता नहीं खुला तो करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस रास्ते को दोबारा खुलवाया जाए नहीं तो गांव में हिन्दू-मुस्लिम तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक धरना और आंदोलन करने को मजबूर होंगे।