सहारनपुर पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग का भंडाफोड़,
फर्जी सिम से विदेशी गिरोहों को OTP सप्लाई, कई गिरफ्तार
16 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो भारत में फर्जी सिम कार्ड्स जारी कर, उनके जरिए थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में बैठे साइबर अपराधियों को OTP उपलब्ध करा रहा था। यह गिरोह आम लोगों की पहचान का दुरुपयोग कर सिम कार्ड बनाता और फिर इन सिम से आए OTP को अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सऐप ग्रुप्स के जरिए विदेश में बैठे ठगों को देता था। पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को पकड़ा है और कई की तलाश जारी है।
पीएम आवास योजना के नाम पर लेते थे अंगूठा और फोटो
एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क का खुलासा एक शिकायत के बाद हुआ। 29 दिसंबर 2024 को रोहित नाम के व्यक्ति ने शिकायत दी कि उसके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड जारी किए गए हैं। जांच में पता चला कि गिरोह के मास्टरमाइंड विपिन कुमार लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का झांसा देकर उनका अंगूठा और फोटो लेता था, फिर आधार से OTP लेकर फर्जी सिम कार्ड इश्यू कर देता था। अकेले विपिन ने 873 फर्जी सिम कार्ड जारी किए।
टेलीकॉम एजेंट बनकर जारी करते थे डुप्लीकेट सिम
गिरोह में शामिल दूसरा आरोपी सचिन कुमार खुद को टेलीकॉम कंपनियों का POS एजेंट बताकर काम करता था। वह ग्राहकों से दो बार अंगूठा और फोटो लेता और उसी समय दो सिम एक्टिवेट कर लेता था। कई बार वह तकनीकी खराबी का बहाना कर फिंगरप्रिंट और फोटो लेकर सिम अपने पास ही रख लेता था। इन सिम कार्ड्स को बाद में गिरोह की सदस्य हुमा और अन्तरफा को बेच देता, जिन्होंने इन्हें आगे अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सऐप लॉगिन के लिए उपयोग किया।
OTP बेचने का रेट तय था
पुलिस के मुताबिक, हर OTP के बदले 80 से 100 रुपए लिए जाते थे। OTP थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों को भेजे जाते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उन्हें यह तरीका मोहत्सीन नाम के व्यक्ति ने सिखाया था, जो पहले ही हरिद्वार जेल में बंद है।
क्या है साइबर स्लेवरी?
साइबर स्लेवरी का मतलब है युवाओं को नौकरी के नाम पर फंसा कर उनसे लगातार साइबर अपराध कराना। इस गिरोह में शामिल सिम कार्ड और OTP सप्लायर्स भारत में रहकर विदेशों में साइबर फ्रॉड को अंजाम दिलवा रहे थे।
गिरोह में कौन-कौन है शामिल
अब तक की जांच में मोहत्सीन (हरिद्वार), विपिन कुमार (फतेहपुर), सचिन कुमार (बड़गांव), हुमा और अन्तरफा (हरिद्वार), साजन कौशिक (यमुनानगर), दुष्यंत और मांगेराम (फतेहपुर) के नाम सामने आए हैं। पुलिस इन सभी की तलाश में जुटी है और जांच जारी है।