सपा सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा में डंडाधारी पहरेदार,
करणी सेना के हमलों के बाद सतर्कता बढ़ी
1 months ago
Written By: STATE DESK
Ramjilal Suman Attack: अलीगढ़ में सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। अब उनके निजी सुरक्षाकर्मी डंडों से लैस होकर उनके साथ चलेंगे। चाहे वे अपने घर में हों या बाहर किसी दौरे पर, अब उनके साथ डंडाधारी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। यह कदम उस समय उठाया गया है जब हाल के दिनों में दो बार हो चुके हमलों की जिम्मेदारी करणी सेना ने ली है।
करणी सेना का आक्रोश और डंडाधारी सुरक्षा
दरसल राणा सांगा को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद करणी सेना लगातार सपा सांसद के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इस बीच रामजीलाल सुमन भी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने खुलकर करणी सेना को चुनौती दी है। 26 मार्च को उनके आवास और 27 अप्रैल को उनके काफिले पर हमले किए गए, जिनकी जिम्मेदारी करणी सेना ने खुलेआम ली है। इन घटनाओं के बाद सुमन ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया है। अब उनके काफिले में यूपी पुलिस की एस्कॉर्ट गाड़ी के साथ निजी सुरक्षाकर्मी भी हैं, जो बेंत और डंडों से लैस हैं। उन्होंने अपनी गाड़ियों में भी डंडे रखना शुरू कर दिया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
हमले के आरोपी बाहर, सख्त कार्रवाई नहीं
वहीं इस मामले को लेकर सांसद रामजीलाल सुमन ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के आरोपियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने उन्हें सिर्फ शांतिभंग की धारा-151 में गिरफ्तार किया, और उसी दिन एसडीएम कोर्ट से जमानत भी दे दी गई। उनका कहना है कि पुलिस चाहती तो इस धारा के तहत आरोपियों को लंबे समय तक हिरासत में रख सकती थी।
हमले के बाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे सांसद
दरअसल 27 अप्रैल को अलीगढ़-बुलंदशहर रोड पर खेरेश्वर चौराहे पर जब रामजीलाल सुमन का काफिला जा रहा था, तो कुछ युवाओं ने रास्ता रोककर नारेबाजी शुरू कर दी। इससे काफिले में भगदड़ मच गई और गाड़ियां आपस में टकरा गईं। गभाना में हाईवे पर भी टायर फेंककर हमला किया गया। इन हमलों के बाद सांसद ने हाईकोर्ट का रुख किया। रामजीलाल सुमन की ओर से एडवोकेट इमरान उल्लाह ने कोर्ट में तर्क दिया कि सांसद पर लगातार हमले हो रहे हैं और उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सांसद की जीभ काटने के लिए एक करोड़ रुपये की सुपारी तक दी गई है, लेकिन इसके बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
कोर्ट सख्त, यूपी और केंद्र सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए यूपी और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस हरवीर सिंह की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।