राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र,
छात्रों के लिए उठाई मांग
1 months ago
Written By: anjali
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छात्रों की समस्याओं को लेकर PM मोदी को लेटर लिखा है जिसमें राहुल ने छात्रों को हॉस्टल में होने वाली असुविधाओं का जिक्र किया। राहुल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे पिछले महीने बिहार में अंबेडकर हॉस्टल गए थे, जहां स्टूडेंट ने इन समस्याओं को जिक्र किया था।
राहुल गांधी ने पीएम को लिखा लेटर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 10 जून को पीएम को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि मैं आपसे दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का अनुरोध करता हूं, जो 90% वंचित समुदायों के छात्रों के लिए शिक्षा के अवसरों में बाधा डालते हैं।
लेटर में लिखीं ये बातें
प्रिय प्रधान मंत्री,
मैं आपसे दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का अनुरोध करता हूं जो 90% छात्रों के लिए शिक्षा के अवसरों में बाधा डालते हैं। दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थिति दयनीय है।
पहली बात, हाल ही में मैं बिहार के दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास गया था। छात्रों ने शिकायत की, एक कमरे में 6-7 छात्रों को रहने के लिए मजबूर किया जाता है। वहां टॉयलेट साफ नहीं है, पीने को साफ पानी नहीं मिलता, मेस सुविधाओं की कमी है।
दूसरी बात छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप में देरी से जुड़ी है। उदाहरण के लिए, बिहार में, स्कॉलरशिप पोर्टल तीन साल तक बेजान पड़ा था और 2021-22 में किसी भी छात्र को स्कॉलरशिप नहीं मिली।
छात्रों की शिकायत है कि छात्रवृत्ति की राशि काफी कम है। मैंने यहां सिर्फ बिहार का उदाहरण दिया है लेकिन यही हाल पूरे देश का है। मैं सरकार से इन विफलताओं को दूर करने के लिए तुरंत दो कदम उठाने का आग्रह करता हूं।
मुझे यकीन है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि जब तक निचले तबके के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत प्रगति नहीं कर सकता। मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा हूं।
बिहार दौरे के दौरान की थी छात्रों से मुलाकात
आपको बता दें कि राहुल गांधी बीती 15 मई को बिहार के दरभंगा गए थे। वहां उन्होंने अंबेडकर छात्रावास में 'शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम को संबोधित किया था इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि, '90 प्रतिशत आबादी के लिए इस देश में कोई रास्ता नहीं है। सीनियर ब्यूरोक्रेसी में आपके लोग जीरो, डॉक्टर में आपके कितने लोग..जीरो, एजुकेशन सिस्टम में आपके कितने लोग जीरो, मेडिकल सिस्टम के मालिकों को देखो तो जीरो।'