प्रयागराज जेल में अतीक के बेटे अली की बैरक से कैश बरामद,
CCTV से खुली पोल, जेलर-वॉर्डन सस्पेंड
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के पास से कैश बरामद हुआ है। अली उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है और उसे पुलिस ने हाल ही में गैंग IS-227 का लीडर घोषित किया है। गुरुवार सुबह यह मामला तब उजागर हुआ जब लखनऊ मुख्यालय से जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज में अली को पैसे लेते हुए देखा गया। इसके बाद मामले में डिप्टी जेलर शांति देवी और वॉर्डन संजय द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।
अली की बैरक से बरामद हुए 1100
पूरे मामले की जांच DIG राजेश श्रीवास्तव को सौंपी गई। 19 जून को एक वकील अली से मिलने जेल पहुंचा था और उसने 1100 रुपए वॉर्डन को दिए जो सीसीटीवी के सामने ही अली को सौंप दिए गए। जैसे ही लखनऊ में बैठे DG जेल ने यह फुटेज देखा, उन्होंने तुरंत जांच के निर्देश दिए। जब DIG राजेश श्रीवास्तव नैनी जेल पहुंचे और अली की बैरक की तलाशी ली गई तो वहां से 1100 नकद बरामद हुआ। हालांकि जेल सूत्रों का दावा है कि रकम इससे कहीं ज्यादा, करीब डेढ़ लाख रुपए थी।
नियमों को नजरअंदाज कर अली ने रखा नकद
जेल नियमों के अनुसार, कैदियों को नकद रखने की अनुमति नहीं है। उन्हें सिर्फ कूपन के ज़रिए सामान खरीदने की सुविधा दी जाती है। लेकिन अली ने न कूपन लिया और न ही नियमों का पालन किया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि अली को नकदी नहीं रखनी चाहिए थी। इस मामले ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अली की बैरक 24 घंटे CCTV निगरानी में रहती है और वहां आम कैदियों को आने-जाने की अनुमति नहीं होती। बावजूद इसके इतने बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी होना गंभीर लापरवाही है।
जेलर अंजनी कुमार पर उठे सवाल
बताया गया कि 16 जून की रात अली की बैरक की तय नियमों के अनुसार जांच भी नहीं की गई थी। अली की बैरक के प्रभारी जेलर अंजनी कुमार थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। अब देखना होगा कि जेल में इस लापरवाही के लिए और कौन-कौन जिम्मेदार ठहराया जाता है।