आकर्षण का केंद्र बनी PDA की कांवड़ यात्रा,
भक्तों ने की 2027 में अखिलेश यादव को सीएम बनाने की कामना
5 days ago
Written By: State Desk
सावन के पावन महीने में जहां एक ओर पूरे उत्तर भारत में शिवभक्त कांवड़ यात्रा पर निकले हैं, वहीं बरेली के गौरव यादव ने इस धार्मिक परंपरा को एक अलग ही राजनीतिक रंग दे दिया है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को 2027 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की कामना के साथ PDA कांवड़ यात्रा की शुरुआत की है।
हरकी पैड़ी से काशी तक 800 किमी की पदयात्रा
गौरव यादव के नेतृत्व में यह यात्रा 5 जुलाई को बरेली से शुरू हुई। वहां से यह कांवड़ यात्रा हरिद्वार के हरकी पैड़ी पहुंची, जहाँ से 51 लीटर गंगाजल लेकर यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर निकली है। यह यात्रा लखनऊ होते हुए काशी तक जाएगी, जिसमें कुल दूरी करीब 800 किलोमीटर है।
हरदोई में हुआ भव्य स्वागत
दरअसलरविवार को यह कांवड़ यात्रा हरदोई पहुंची, जहां स्थानीय समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। अभिषेक यादव, जो कि सपा कार्यकर्ता हैं, ने कहा, “यह यात्रा हमारी एकता और अखिलेश यादव के प्रति समर्पण का प्रतीक है। हम भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं कि वे 2027 में हमारे नेता को मुख्यमंत्री बनाएं।”
राजनीतिक आस्था का अनूठा संगम
इनमे से गौरव यादव की कांवड़ पर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और डिंपल यादव की तस्वीरें लगी हैं। इसके साथ ही ‘PDA’, ‘मिशन 2027’ और ‘अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें’ जैसे स्लोगन भी अंकित किए गए हैं। यही नहीं, गौरव और उनके साथियों ने यह नारे अपने शरीर पर भी गुदवा रखे हैं। गौरव यादव ने बताया कि लखनऊ पहुंचने के बाद वे 51 लीटर गंगाजल से अखिलेश यादव के चरण धोएंगे, और फिर काशी में भगवान शिव का गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे।
PDA का संदेश
गौरव ने कहा, “हमारी आस्था भगवान शिव और अखिलेश यादव दोनों में है। यह PDA कांवड़ यात्रा पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की एकता का प्रतीक है। हमारा उद्देश्य है कि 2027 में समाजवादी सरकार बने और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें।”
धर्म और राजनीति का अनोखा मेल
यह कांवड़ यात्रा धार्मिक परंपरा और राजनीतिक विचारधारा का अनूठा संगम बनकर उभरी है। जहाँ एक ओर भगवान शिव के प्रति भक्ति है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक उद्देश्य भी स्पष्ट है। यह यात्रा ना सिर्फ आस्था का प्रतीक बन रही है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले एक राजनीतिक संदेशवाहक की भूमिका भी निभा रही है।