फर्जी कंपनी बनाकर किया 49 हजार करोड़ का गमन,
10 राज्यों में खोली गई थी हजारों शाखाएं
16 days ago
Written By: विनय के. सिंह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पंजाब के रोपड़ से एक एसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने फ्राड का जाल रचते हुए 49 हजार करोड़ रुपए का गमन कर डाला। अधिकारियों के मुताबिक इसका नेटवर्क देश के 10 राज्यों में फैला था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बैंक की शाखाएं खोलकर लोगों से आरडी और एफडी कराकर संचालक फरार हो गया था। एक बड़ी शिकायत के आधार पर शासन ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई थी।
नाम बदलके कराया रजिस्ट्रेशन
पर्ल्स एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (PACL) कम्पनी का नाम पूर्व में गुरूवंत एग्रोटेक लिमिटेड हुआ करता था, जो दिनांक 11996 में रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनी (आरओसी) जयपुर से पंजीकृत करायी गई थी। गुरूवंत एग्रोटेक लिमिटेड का नाम परिवर्तित कर पर्ल्स एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड नाम से दिनांक 2011 को आरओसी राजस्थान से पंजीयन कराया गया, जिसका कारपोरेट कार्यालय बारह खंभा रोड नई दिल्ली है।
10 राज्यों में खोली गई थी हजारों शाखाएं
इस कंपनी के संचालक गुरनाम सिंह द्वारा अपने सहयोगी संचालकों के साथ मिलकर भारत के 10 राज्यों- उत्तर प्रदेश असम, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, बिहार, छत्तीसगढ़ में कम्पनी की शाखाएं खोली गई। कम्पनी द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45 के अन्तर्गत एन.बी.एफ.सी में पंजीकरण कराये बिना बैंकिग कार्य प्रारम्भ कर दिया गया। कंपनी द्वारा उप्र में महोबा, सुल्तानपुर, फर्रुखाबाद, जालौन आदि जनपदों में अपनी शाखाएं खोलकर जनता में आकर्षक एवं लोक-लुभावन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करके भूखंड (प्लॉट) देने के नाम पर जनता से आर.डी एवं एफ.डी के रूप में भारी धनराशि जमा करायी गई तथा उसकी बॉन्ड रसीदें जारी की गई। इस प्रकार उक्त कम्पनी द्वारा भारत के 10 राज्यों में खोली गयी शाखाओं में निवेशकों का लगभग 49 हजार करोड़ रूपया जमा कराया गया, परन्तु बाद में कंपनी द्वारा निवेशकों को न तो भूखंड(प्लाट) या अन्य लाभ दिया गया और न ही उनके जमाधन को वापस किया गया।
ईओडब्लू कर रही विवेचना
कंपनी के संचालकगण भारत के 10 राज्यों में खोली गयी शाखाओं में निवेशकों के जमा धन लगभग 49 हजार करोड़ रूपए हड़प कर कंपनी के कार्यालय को बंद कर फरार हो गए। जनपद जालौन की पीएसीएल कंपनी की शाखा के लाखों रूपये संचालकगणों द्वारा गबन कर लिये जाने के सम्बन्ध में उप्र शासन द्वारा ईओडब्लू उत्तर प्रदेश को जांच प्रदान की गई। जांच में सत्यता पाये जाने के उपरांत थाना ईओडब्लू कानपुर पर मुअसं-1/18 धारा 409/420/467/468/471/120 बी भादवि पंजीकृत हुआ जिसकी विवेचना ईओडब्लू द्वारा की जा रही है। अभियोग में संचालक एवं अभियुक्त गुरनाम सिंह सहित 10 अभियुक्त नामजद किये गये थे जिसमें 04 अभियुक्त सीबीआई के मुकदमों में भी वांछित होने के कारण गिरफ्तार होकर जेल भेजे गए, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में निरुद्ध है, जिनका बी-बारण्ट ईओडब्लू द्वारा लिया गया है।