ओम प्रकाश राजभर ने खड़ी की ‘राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना’, यूपी में राजनीति गरमाई,
वर्दी, रैंक और प्रशिक्षण का ऐलान
4 days ago Written By: Aniket Prajapati
उत्तर प्रदेश के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रदेश में अपनी एक नई संगठनात्मक सेना “राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना (RSS)” का गठन कर दिया है, जिससे राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। यह संगठन नाम में आरएसएस जैसा लगता है, पर यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) नहीं है। राजभर ने कहा है कि यह सेना युवाओं को कौशल विकास और सही मार्ग पर लाने के लिए काम करेगी। संगठन की वर्दी, कंधों पर रैंक के सितारे, छाती पर बैज, बेरेट कैप और हाथ में स्टिक जैसी चीज़ें पहले से तय कर ली गई हैं। यह कदम यूपी चुनाव 2027 से पहले खूब चर्चा में रहा है और अब कई जिलों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
वर्दी और रैंक — दिखावट में मिली सैन्य झलक
ओपी राजभर की टीम ने संगठन के लिए आधिकारिक वर्दी घोषित कर दी है। पहले गमछा और पीली टी-शर्ट पहनकर चल रहे कार्यकर्ताओं को अब नीली वर्दी दी जा रही है। वर्दीधारी सदस्यों को पार्टी की ओर से पहचान पत्र (ID card) दिए जा रहे हैं। कंधे पर सितारों की गणना के आधार पर रैंक तय होगी और पदनामों में कमांडर, सीओ, डीएसपी, एसआई और इंस्पेक्टर जैसे नाम शामिल किए गए हैं। इस तरह की व्यवस्था ने संगठन को एक व्यवस्थित और सैन्य-सदृश रूप दे दिया है।
युवाओं को कौशल और सही रास्ता
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया कि इस सेना का मकसद गांवों के युवाओं को कौशल विकास के रास्ते पर ले जाना है ताकि वे गलत मार्ग पर न भटकें। उन्होंने कहा कि यह संगठन युवाओं की क्षमता बढ़ाने और उन्हें रोजगार-मुखी बनाने में मदद करेगा। सुभासपा के नेता अरुण राजभर ने भी कहा कि वे नहीं चाहते कि युवा गुमराह हों; सेना के माध्यम से उन्हें सही दिशा दी जाएगी।
शुरुआत और लक्ष्य—22 जिलों से एक लाख तक का लक्ष्य
ओम प्रकाश राजभर ने बताया कि राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना की शुरुआत फिलहाल 22 जिलों में कर दी गई है और इसे धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा। उनका लक्ष्य एक लाख सदस्यों को शामिल करना है और पार्टी स्तर पर इसके लिए काम चल रहा है। इस कदम पर राजनीतिक हलकों और आम जनता में प्रतिक्रिया मिल रही है, कुछ लोग इसे युवा सशक्तिकरण का कदम मान रहे हैं तो कुछ इसे चुनावी रणनीति भी बता रहे हैं।