नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी... छह महीने में एक ईंट भी नहीं लगी,
डेवलपर और निर्माता की प्राथमिकताओं में टकराव से अटका पूरा प्रोजेक्ट
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास क्षेत्र के सेक्टर-21 में बनने जा रही नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी का निर्माण शुरू होने से पहले ही बड़े विवाद में फंस गया है। जून 2025 में काम शुरू होना था, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी पूरे प्रोजेक्ट की साइट पर एक भी ईंट नहीं रखी जा सकी है। जमीन या तकनीकी मुद्दों से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या डेवलपर कंपनी बेब्यू भूटानी प्राइवेट लिमिटेड और फिल्म निर्माता बोनी कपूर के बीच प्राथमिकताओं का टकराव है। यह देरी न सिर्फ प्रोजेक्ट को पीछे धकेल रही है, बल्कि भविष्य में बनने वाले रोजगार के अवसरों पर भी असर डाल रही है।
निर्माण शुरू क्यों नहीं हुआ? डेवलपर बनाम निर्माता की प्राथमिकताएं सूत्रों के मुताबिक प्रोजेक्ट की डेवलपर कंपनी बेब्यू भूटानी प्राइवेट लिमिटेड को पहले चरण में 230 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है। लेकिन कंपनी चाहती है कि फिल्म सिटी के बजाय पहले 155 एकड़ के कॉमर्शियल एरिया में ऑफिस टावर, होटल, मॉल और कॉम्प्लेक्स बनाए जाएं, ताकि जल्दी रेवेन्यू जेनरेट किया जा सके। वहीं, फिल्म निर्माता बोनी कपूर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पहले मूल उद्देश्य पर काम हो—यानी फिल्म सिटी में शूटिंग स्टूडियो, VFX/SFX लैब, डबिंग स्टूडियो, फिल्म अकादमी और फिल्म फेस्टिवल एरिना का निर्माण हो।
जमीन का विवाद खत्म, असली अड़चन प्राथमिकताओं पर सहमति यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ अरुण वीर ने बताया कि फिल्म सिटी की जमीन पर किसानों के साथ 1.5 एकड़ का विवाद पहले ही निपटा दिया गया है। यानी अब जमीन से जुड़े कोई अवरोध नहीं हैं। पूरा मामला सिर्फ इस पर अटका है कि निर्माण की शुरुआत किस सेक्शन से हो।
YEIDA की कड़ी चेतावनी: पहले फिल्म सिटी, बाद में कॉमर्शियल प्रोजेक्ट प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि भूटानी ग्रुप और बोनी कपूर दोनों को जल्द ही विशेष समीक्षा बैठक के लिए तलब किया गया है। YEIDA का स्पष्ट संदेश है कि फिल्म सिटी को किसी भी हालत में सिर्फ कॉमर्शियल प्रोजेक्ट में बदलने नहीं दिया जाएगा। डेवलपर को निर्माण की अंतिम टाइमलाइन भी पेश करनी होगी।
1095 दिन की समय सीमा और भारी पेनल्टी का खतरा पहले चरण की समय सीमा 1095 दिन है। देरी होने पर कंपनी को प्रतिदिन 1.5 लाख रुपये पेनल्टी भरनी होगी। चूंकि अभी तक निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है, इसलिए प्राधिकरण पेनल्टी लगाने पर भी विचार कर सकता है।
क्यों जरूरी है यह फिल्म सिटी? रोजगार से लेकर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी तक फिल्म सिटी जेवर एयरपोर्ट से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर बनाई जा रही है। उद्देश्य है, यूपी को फिल्म शूटिंग, मीडिया प्रोडक्शन, एडिटिंग, एनीमेशन और डिजिटल मनोरंजन का सबसे बड़ा हब बनाना। अगर प्रोजेक्ट समय पर बनता है तो करीब 1.5 लाख रोजगार पैदा होंगे। लेकिन निर्माण में देरी से फिलहाल किसी भी प्रकार के रोजगार के मौके सुनिश्चित नहीं हैं।
कागजों में तेजी, जमीन पर काम शून्य सूत्रों के मुताबिक कागजों में प्रगति दिखाई जा रही है, लेकिन मौके पर कोई गतिविधि नहीं है। वजह वही भूटानी ग्रुप और बोनी कपूर के बीच प्राथमिकताओं पर सहमति न बनना। हालांकि YEIDA अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में विवाद सुलझाकर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।