कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में ‘पहचान अभियान’ के दौरान उतरवाई पैंट,
भड़का विवाद, बैकफुट पर हुए स्वामी यशवीर
1 months ago
Written By: STATE DESK
कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में धार्मिक पहचान को लेकर छिड़ा नया विवाद अब सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दा बनता जा रहा है। स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में चलाया जा रहा 'पहचान अभियान' अब विवादों की आग में घिर चुका है, जहां धर्म के नाम पर हो रही पहचान जांच ने सांप्रदायिक तनाव को हवा दे दी है। आरोप है कि इस दौरान एक होटलकर्मी की पेंट उतरवाई गई, जिससे विवाद और बढ़ गया।
ढाबों और होटलों में की गई पहचान जांच
यह पूरा मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब शनिवार को दिल्ली-देहरादून हाईवे-58 पर स्थित ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर स्वामी यशवीर की टीम पहुंची और वहां मौजूद कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगे। कर्मचारियों के इंकार करने पर विवाद बढ़ गया। बारकोड स्कैन करने के बाद जब सामने आया कि ढाबे के मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा है, तो टीम ने हंगामा शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, आरोप है कि, इस दौरान एक कर्मचारी की पैंट उतारकर उसकी धार्मिक पहचान जांचने की कोशिश की गई, जिससे हालात और बिगड़ गए। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
टीम का दावा – "शिव भक्तों के साथ हो रहा धोखा"
स्वामी यशवीर की टीम का कहना है कि, कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुछ लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम से ढाबे और होटल चला रहे हैं, जबकि उनका संबंध मुस्लिम समुदाय से है। यह शिवभक्तों के साथ धोखा है। अभियान में करीब 5000 अनुयायियों की टीम शामिल है जो कांवड़ मार्ग पर ऐसी दुकानों की पहचान में जुटी है।
मीडिया दबाव के बाद बैकफुट पर स्वामी यशवीर
वहीं, जैसे ही मामला मीडिया की चर्चा में सामने आया, उसके ठीक बाद स्वामी यशवीर ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी है। उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा कि यदि उन्हें कोई मुस्लिम व्यक्ति हिंदू नाम की दुकान या ढाबा चलाते मिले, तो वे खुद कोई कार्रवाई ना करें, बल्कि स्थानीय पुलिस को सूचना दें। स्वामी यशवीर ने यह भी कहा कि, “यह अभियान सनातन धर्म की पवित्रता और शिवभक्तों की आस्था की रक्षा के लिए है, लेकिन कानून को हाथ में लेना उचित नहीं।”
पुलिस और प्रशासन ने संभाला मोर्चा
जिसके बाद, विवाद बढ़ने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराया। पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और शांति बनाए रखने के लिए कांवड़ मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून अपने हाथ में लेने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।
फिर चर्चा में नेमप्लेट विवाद
गौरतलब है कि, स्वामी यशवीर महाराज पिछले वर्षों से यह मांग करते आ रहे हैं कि कांवड़ मार्ग पर दुकानों और होटलों पर मालिकों की पहचान स्पष्ट रूप से लिखी जाए। वह इसे शिव भक्तों की आस्था से जोड़ते हैं। हालांकि, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार द्वारा नेमप्लेट लगाने के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसे स्वामी यशवीर ने निराशाजनक बताया था।