मेरठ में अवैध कॉलोनी में खंभे हटाने गई जेसीबी में उतरा हाईटेंशन करंट,
ड्राइवर जिंदा जला, हेल्पर झुलसा, मौके से भागे अधिकारी
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मेरठ में सोमवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया, जब अवैध कॉलोनी में बिजली के खंभे हटाने के दौरान मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की जेसीबी मशीन हाईटेंशन लाइन से टकरा गई। इस घटना में क्रेन चालक की मौके पर ही मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हादसा लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के समर गार्डन इलाके में हुआ। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और मेडा के अधिकारी व कर्मचारी भाग निकले। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल भिजवाया और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
हाईटेंशन लाइन से टकराई जेसीबी
मेडा की टीम मदीना फेज-2 की अवैध कॉलोनी में खंभे हटाने पहुंची थी। टीम ने बिजली विभाग को इस अभियान की कोई सूचना नहीं दी थी और न ही शटडाउन लिया गया था। इसी दौरान क्रेन लेकर आए ड्राइवर छोटेलाल और हेल्पर गया प्रकाश काम में लगे हुए थे। तभी अचानक जेसीबी का ऊपरी हिस्सा ऊपर से गुजर रही 11 केवी की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। हाई वोल्टेज करंट जेसीबी में फैल गया। हेल्पर तो किसी तरह कूदकर बच गया, लेकिन ड्राइवर छोटेलाल करंट की चपेट में आकर झुलस गया और नीचे गिरते ही उसकी मौत हो गई।
मेरठ हादसे में जला ड्राइवर का शरीर
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक छोटेलाल की बॉडी बुरी तरह जल चुकी थी, कपड़े तक राख हो गए थे। उसका बेटा दिनेश मौके पर पहुंचा तो पिता की हालत देखकर फूट-फूट कर रो पड़ा। वह लगातार मेरे पापा... मेरे पापा...चिल्ला रहा था। परिवार में मातम का माहौल है। छोटेलाल की पत्नी शांति, बेटा दिनेश, बहू गीता और दो छोटे पोते-पोतियां हैं। दो बेटियां पुष्पा और हेमा शादीशुदा हैं।
अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद कर्मचारियों और यूनियन ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में बिना तैयारी के काम कराया गया न बिजली विभाग से अनुमति ली गई, न सुरक्षा का इंतजाम किया गया। यूनियन ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।