मेरठ में ऑन-ड्यूटी नशे में धुत पकड़े गए SHO और चौकी इंचार्ज,
SP सिटी ने रातों-रात दोनों को किया लाइन हाजिर
6 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मेरठ के रेलवे रोड थाना क्षेत्र में सोमवार देर शाम बजरिया मोहल्ले में दो पक्षों के बीच हुए झगड़े और पथराव ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना दिया। झगड़ा पैसों के लेन-देन और मकान विवाद को लेकर शुरू हुआ, लेकिन घटना के बाद पुलिस की लापरवाही ने लोगों में भारी नाराजगी पैदा कर दी। मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि पथराव के दौरान कुल 9 लोग घायल हुए, जिनमें रास्ते से गुजर रहे दो भाई भी शामिल थे। सबसे गंभीर बात यह सामने आई कि जब घायल लोग शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे, तो चौकी इंचार्ज नशे की हालत में थे और समय पर कोई कार्रवाई नहीं की।
नशे में मिले थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज घटना की सूचना मिलते ही एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह टीम के साथ बजरिया मोहल्ला पहुंचे। जांच के दौरान उन्होंने पाया कि थाना प्रभारी रेलवे रोड धीरज कुमार और केसरगंज चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार ड्यूटी के समय नशे में थे। दोनों अधिकारी न तो समय पर मेडिकल करा पाए और न ही पथराव रोकने के लिए पर्याप्त पुलिस बल बुला पाए, जिससे हालात और बिगड़ते गए।
घायल युवक के परिवार ने लगाए गंभीर आरोप पथराव में घायल हुए युवक के भाई फईम ने बताया कि उसका भाई मौके से गुजर रहा था तभी अचानक सिर पर ईंट लग गई। जब वे चौकी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, तो चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार नशे में धुत थे और उन्होंने प्राथमिक कार्रवाई भी नहीं की। इसी लापरवाही के बीच फिर से तनाव बढ़ने लगा और लाठीचार्ज की नौबत आ गई।
SSP ने तुरंत दोनों अधिकारियों को किया लाइन हाजिर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पूरी जानकारी एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने देर रात ही कड़ा कदम उठाते हुए थाना प्रभारी धीरज कुमार और चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही एसपी सिटी से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है, जिसके आधार पर आगे विभागीय कार्रवाई होगी।
विभागीय जांच शुरू, कराया जा रहा मेडिकल एसपी सिटी ने बताया कि दोनों अधिकारियों की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। अनुशासनहीनता के चलते उन्हें लाइन हाजिर किया गया है और दोनों का डॉक्टरी परीक्षण भी कराया जा रहा है। पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।