मथुरा में निर्जला एकादशी पर 8 लाख भक्तों की भीड़, सड़क पर दिखें हजारों जूते-चप्पल
रद्द हुई संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा
3 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मथुरा में शनिवार को निर्जला एकादशी और वीकेंड के संयोग ने तीर्थ नगरी को भक्तों से भर दिया। रात तक करीब 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच चुके थे। मंदिर के बाहर करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई थी। गर्मी और भीड़ के चलते हालात बेकाबू होने लगे। गलियां पूरी तरह से जाम हो गईं। मंदिर परिसर के बाहर लाखों जूते-चप्पलों का अंबार लग गया। हालात ऐसे हो गए कि श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल तक नहीं ढूंढ सके। बाद में इन्हें ठेले में लादकर हटाना पड़ा।
संत प्रेमानंद महाराज ने रद्द की पदयात्रा
स्थिति इतनी विकट हो गई कि संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा रद्द कर दी। रात 2 बजे उनके आश्रम के सेवादार माइक लेकर सड़कों पर उतरे और घोषणा की कि भीड़ अधिक होने के कारण महाराज जी की पदयात्रा आज नहीं होगी। साथ ही लोगों से अपील की गई कि वे शांति से अपने घर लौट जाएं नहीं तो भगदड़ जैसी स्थिति बन सकती है। जैसे ही ये खबर फैली भक्तों में मायूसी फैल गई और वे धीरे-धीरे लौटने लगे। रमणरेती पुलिस चौकी चौराहे पर सबसे ज्यादा भीड़ का संकट देखा गया। परिक्रमा करने आए श्रद्धालु ई-रिक्शा वाहन और लोगों की भीड़ में फंस गए। हालात ऐसे थे कि सांस लेना तक मुश्किल हो गया। पुलिस को भी भीड़ नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई जगह लोग घबराए हुए दिखाई दिए, कुछ की तबीयत भी बिगड़ गई।
बांके बिहारी मंदिर में 2 KM लंबी कतार
बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए लगी 2 किलोमीटर लंबी कतार में बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे घंटों धूप में खड़े रहे। मंदिर के बाहर जूते-चप्पल ढूंढते लोगों की भीड़ और गर्मी के कारण लोगों की हालत खराब हो गई। जब मंदिर प्रबंधन ने देखा कि हालात संभाले नहीं जा रहे, तो सफाईकर्मी बुलाए गए और जूते-चप्पलों को ठेलियों में भरकर हटवाया गया।
भक्त बोले- ऐसी भीड़ पहली बार देखी
श्रद्धालुओं का कहना था कि ऐसी भीड़ उन्होंने पहली बार देखी। कई राज्यों से आए भक्त बिना दर्शन किए ही लौट गए। कुछ ने इसे ईश्वर की मर्जी माना, तो कुछ इस व्यवस्था पर सवाल उठाते नजर आए। मथुरा में यह दिन आस्था और अफरातफरी दोनों का मिला-जुला रूप बनकर सामने आया।