कभी पीतल को सोना बताकर बेचते थे… अब आईडी हैक कर साफ कर देते हैं खाते,
मथुरा के इस गांव का चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड मॉडल
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र को भगवान कृष्ण की पवित्र भूमि माना जाता है, लेकिन पिछले दो दशकों में यहां ठगी का ऐसा जाल बिछ गया है जिसने कई गांवों को अपराध का अड्डा बना दिया है। गुरुवार तड़के मथुरा पुलिस ने देवसेरस गांव में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया। सुबह के समय जब गांव के ज्यादातर लोग नींद में थे, तभी खेतों की पगडंडियों पर भारी कदमों की आवाज गूंजने लगी। देखते ही देखते गांव चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया। इस कार्रवाई में 40 लोगों को पकड़ा गया, जबकि करीब 120 आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों के रास्ते से हरियाणा और राजस्थान की ओर भाग निकले।
दो दशक पुराना टटलू गिरोह बना साइबर ठगी का केंद्र गोवर्धन के देवसेरस, मोडसेरस, मंडौरा और नगला मेव गांवों में पिछले 20 साल से टटलू गिरोह सक्रिय है। शुरुआत में यह गिरोह सस्ते सोने का लालच देकर लोगों को बुलाता था और रास्ते में उनको लूट लेता था। कभी पीतल को सोना बताकर ठगी की जाती थी, तो कभी लिफ्ट मांगकर यात्रियों को बंधक बनाया जाता था। बिल्डर, कारोबारी और बाहर से आने वाले लोग इनके मुख्य शिकार होते थे। कई बार रकम कम मिलने पर फिरौती तक मांगी जाती थी।
पिछले 10 साल में बदल गया मॉडल, साइबर फ्रॉड बना नया हथकंडा डिजिटल युग के साथ इस गिरोह ने अपना तरीका बदला और अब यह संगठित साइबर ठगी में बदल चुका है। फेसबुक-इंस्टाग्राम आईडी हैक करना, किसी के नाम से पैसे मांगना, बैंक कर्मी बनकर कॉल करना और ओटीपी लेकर खाते खाली करना इनके आम तरीके हैं। देवसेरस इस पूरे नेटवर्क का मुख्य केंद्र माना जाता है और यहां के 70% लोग किसी न किसी रूप में इस धंधे से जुड़े हैं। कई युवक बेरोजगारी के कारण ठगी की राह पकड़ लेते हैं।
गुप्त प्लान के साथ पुलिस का सबसे बड़ा ऑपरेशन इस कार्रवाई के लिए पुलिस ने फुलप्रूफ योजना बनाई। चार आईपीएस अधिकारी, चार सीओ, 26 इंस्पेक्टर और 400 से ज्यादा पुलिस व PAC जवान रात में ही तैनात किए गए। पुलिस की गाड़ियां गांव से दूर रोक दी गईं और जवान खेतों से होकर अंदर घुसे, ताकि अपराधियों को भनक न लगे। जैसे ही रेड शुरू हुई, गांव में भगदड़ मच गई। देवसेरस ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी यही नेटवर्क सक्रिय है। इसी वजह से इसे मिनी जामताड़ा कहा जाने लगा है, क्योंकि इसका मॉडल झारखंड के कुख्यात जामताड़ा जैसा बन चुका है।