मथुरा में मिट्टी धंसने से एक साथ 6 मकान गिरे, 3 की मौत: 12 लोग अब भी मलबे में दबे,
JCB से खुदाई के दौरान हुआ हादसा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मथुरा के गोविंद नगर इलाके में रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक बड़ा हादसा हुआ। यहां एक साथ छह मकान अचानक भरभराकर गिर गए। हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और चार लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है। प्रशासन के अनुसार, अभी भी 10 से 12 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, दमकल, नगर निगम और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। मौके पर भारी भीड़ भी जुट गई है और हर कोई सदमे में है।
जेसीबी से खुदाई के दौरान धंसी ज़मीन
जानकारी के मुताबिक, जिन छह मकानों के गिरने की बात कही जा रही है, वे एक मिट्टी के टीले पर बने हुए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि पास के खुले मैदान (बाड़े) में जेसीबी से खुदाई का काम चल रहा था। खुदाई के कारण मिट्टी खिसकी और अचानक सारे मकान एक के बाद एक गिर गए। घटना इतनी तेज और डरावनी थी कि लोगों को भूकंप जैसा महसूस हुआ। किसी को संभलने का मौका नहीं मिला और देखते ही देखते लोग मलबे में दब गए।
मिट्टी धंसने से बर्बाद हुआ पूरा परिवार
बता दें कि इस हादसे में अब तक जिन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें तोताराम (38), और दो बच्चियां यशोदा (6) व काव्या (3) शामिल हैं। तोताराम के पिता बजरंग लाल सैनी ने रोते हुए बताया कि जेसीबी से खुदाई के कारण यह हादसा हुआ। उनका बेटा मारा गया और बेटियों की भी कोई खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका सब कुछ खत्म हो गया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने संभाला मोर्चा
मथुरा एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि मौके पर फायर सर्विस, पुलिस, प्रशासन की टीमें मौजूद हैं। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी बुलाई गई हैं, जो राहत-बचाव कार्य में मदद करेंगी। अभी प्राथमिकता घायलों को बचाने की है। मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह भी मौके पर पहुंचे और अनाउंसमेंट कर लोगों से मकानों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुछ मकान अब भी गिर सकते हैं। सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पूर्व मंत्री ने की हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग
पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने घटना को दुखद बताया और कहा कि वे मुख्यमंत्री से इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि किसी माफिया के इशारे पर बिना अनुमति खुदाई की जा रही थी। यदि ऐसा है तो दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि अब तक तीन शव अस्पताल लाए गए हैं। सभी मृत अवस्था में थे, जिनमें दो बच्चियां थीं। अस्पताल की टीम पूरी तरह से तैयार है। जानकारी के अनुसार जिनके मकान गिरे हैं, उनमें विनोद हलवाई, बजरंगी सैनी, विजय, सूरज, राधा मुन्नी और पन्नालाल के नाम शामिल हैं। राहत और बचाव का काम देर रात तक जारी रहने की संभावना है।