मंदिर में प्रेमिका से हुआ झगड़ा,तो काट दिया गला,
सिपाही ने रक्त दान कर बचाई जान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: महराजगंज जिले में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक युवक ने अपनी प्रेमिका का गला चाकू से रेत दिया और उसे मरा हुआ समझकर जंगल में छोड़कर भाग गया। लेकिन किस्मत से उसी समय वहां से गश्त कर रही पुलिस टीम गुजर रही थी। जंगल से कराहने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और देखा कि महिला खून से लथपथ हालत में पड़ी हुई है। बिना समय गंवाए सिपाही ने महिला को कंधे पर उठाया और बाइक से उसे अस्पताल पहुंचाया। समय रहते इलाज मिलने से महिला की जान बच गई। यह घटना बृजमनगंज थाना क्षेत्र के लेहड़ा जंगल की है।
गुस्से में आकर प्रेमी ने चाकू से प्रेमिका का काटा गला
बता दें कि घटना की शिकार महिला की पहचान अनीता गौड़ (40) के रूप में हुई है। अनीता के पहले पति की मौत हो चुकी थी और वह पिछले 15 वर्षों से अपने प्रेमी दिनेश कुमार प्रजापति के साथ रह रही थी। दोनों पति-पत्नी की तरह जीवन बिता रहे थे। 10 जून की शाम दोनों लेहड़ा मंदिर दर्शन करने गए थे। वहीं किसी बात पर दोनों में झगड़ा हुआ, जिसके बाद गुस्से में आकर दिनेश ने चाकू निकाला और अनीता का गला रेत दिया। उसे मरा समझकर वह वहां से फरार हो गया।
गश्त पर निकले पुलिस वालों की मुस्तैदी से बची घायल महिला
घटना के कुछ ही समय बाद थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह और सिपाही संदीप गौतम पेट्रोलिंग करते हुए वहां पहुंचे। महिला की हालत देखकर सिपाही संदीप ने उसे तुरंत कंधे पर उठाया और बाइक से बनकटी सीएचसी ले गए। हालत गंभीर होने पर महिला को महाराजगंज जिला अस्पताल और फिर गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। रास्ते में महिला की हालत बिगड़ती गई, लेकिन पुलिसकर्मियों की तत्परता और सूझबूझ ने उसकी जान बचा ली।
सिपाही ने रक्तदान कर बचाई महिला की जान
गोरखपुर पहुंचने पर डॉक्टरों ने खून की कमी बताई तो सिपाही संदीप गौतम ने खुद रक्तदान कर जान बचाने में मदद की। पुलिस ने अनीता का बयान दर्ज किया, जिसमें उसने हमलावर के रूप में अपने प्रेमी दिनेश का नाम लिया। आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश जारी है।
सिपाही की बहादुरी की चारों ओर सराहना
इस घटना में सिपाही संदीप की बहादुरी और इंसानियत की सभी जगह सराहना हो रही है। फिलहाल अनीता मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वेंटिलेटर पर है और डॉक्टरों की निगरानी में है। पुलिस उसके बच्चों की देखरेख की भी व्यवस्था कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने इसे मानवीय जिम्मेदारी का उदाहरण बताया है और कहा कि संदीप जैसा हर पुलिसकर्मी वर्दी का सम्मान बढ़ाता है।