लखनऊ में ट्रक के भीतर बनाया था सीक्रेट तहखाना, जिसे खोलते ही पुलिस के उड़ गए होश…
अंदर से निकली करोड़ों की साजिश
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में कुछ संदिग्ध सामान है जो राज्य की सीमाओं से गुजर रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और ट्रकों की जांच शुरू कर दी। इसी दौरान गोसाईगंज थाना क्षेत्र में एक ट्रक को रोका गया, जिसकी तलाशी लेते ही पुलिस के होश उड़ गए। ट्रक में ऊपर से लोहे के पाइप लदे थे, लेकिन उनके नीचे बड़ी मात्रा में अवैध अंग्रेजी शराब छिपाकर रखी गई थी। यह शराब पंजाब से लाकर बिहार ले जाई जा रही थी।
बिहार में शराबबंदी फिर भी तस्करी का सिलसिला जारी
गौरतलब है कि बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। वहां न तो शराब बेची जा सकती है और न ही खरीदी जा सकती है। इसके बावजूद तस्कर लगातार नए-नए तरीके अपनाकर शराब की खेप बिहार पहुंचा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ट्रक से कुल 14,484 बोतल शराब बरामद की है और दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तस्कर ड्राइवर दिनेश परमार और क्लीनर जगदीश उज्जैन के थाना खांचरोद चापानेर इलाके के रहने वाले हैं।
फर्जी बिल और झूठी जानकारी से पुलिस को धोखा देने की कोशिश
पुलिस को आरोपियों ने बताया कि ट्रक में केवल लोहे के पाइप लदे हैं और उन्होंने इसके लिए दिल्ली के आरके इंटरप्राइजेज से 10 टन माल का बिल भी दिखाया, जो असम के विपिन इंटरप्राइजेज के नाम पर था। लेकिन जब पुलिस ने ट्रक की गहराई से तलाशी ली तो लोहे के पाइपों के नीचे शराब की सैकड़ों पेटियां बरामद हुईं। पूछताछ में यह भी पता चला कि ट्रक को लखनऊ के एक व्यक्ति से रेंट एग्रीमेंट के जरिए लेकर कब्जा किया गया था।
हिमाचल में बनाई गई थी शराब
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शराब हिमाचल प्रदेश में बनाई गई थी और यह केवल चंडीगढ़ में बिक्री के लिए वैध थी। तस्कर इसे पहले चंडीगढ़ से अंबाला, हाथरस, आगरा एक्सप्रेसवे होते हुए लखनऊ लाए और यहां से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार ले जाने की योजना थी।
फर्जी नंबर प्लेट और सिग्नल एप के जरिए संपर्क
तस्करों ने बताया कि वे ट्रकों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर नकली आरसी बनाते हैं और उसी से माल ले जाते हैं। इस खेल में सिर्फ वही लोग शामिल होते हैं जो शराब की सप्लाई या खरीद का काम करते हैं। सभी आपसी बातचीत सिग्नल मोबाइल एप के जरिए करते हैं ताकि कोई रिकॉर्ड न रहे। पूछताछ में यह भी सामने आया कि बिहार में शराब की कीमत तीन गुना ज्यादा मिलती है, और इस खेप की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर केस दर्ज कर लिया है और तस्करी से जुड़े पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी गई है।