लखनऊ में पुलिस पर हमला: हिरासत में लिए आरोपी को छोड़ने पर भड़की भीड़,
लाठीचार्ज में कई घायल
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को बड़ी घटना हुई। सफाईकर्मी की मौत के मामले में हिरासत में लिए गए आरोपी को छोड़ने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। भीड़ ने थाने को घेर लिया और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। मौके पर कई थानों की फोर्स बुलाई गई और वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच गए।
महिलाओं ने सुनाई घटना की आपबीती
मौके पर मौजूद सन देवी ने बताया, “हम लोग शांतिपूर्वक धरना देने आए थे। सड़क खाली थी, हम वहीं खड़े थे। तभी कुछ लोग लाठी-डंडा लेकर आए और हमला कर दिया। किसी का सिर फोड़ दिया, किसी का पैर तोड़ दिया। गाड़ी से लुलु मॉल तक दौड़ाकर पीटा। महिलाओं तक को नहीं छोड़ा।” वहीं, मृतक सफाईकर्मी के भाई की पत्नी रंजना रावत ने कहा, “हम न्याय की मांग करने आए थे। लेकिन पुलिस ने हमें ही पीटना शुरू कर दिया। पुरुषों को पकड़कर थाने में बंद कर दिया गया।”
वीडियो में दिखी हिंसा की तस्वीरें
घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। पहले वीडियो में पुलिस कुछ युवकों को पकड़कर थाने ले जाती नजर आ रही है, जबकि भीड़ उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रही है। इस दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दूसरे वीडियो में तीन युवकों को पुलिसकर्मी घसीटते दिख रहे हैं। तभी भीड़ से महिलाएं आगे बढ़ीं और पुलिस पर हमला बोल दिया। दो युवकों को उन्होंने छुड़ा लिया। इसके बाद स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो गई।
सफाईकर्मी की मौत से जुड़ा है मामला
पूरा मामला विद्या नगर कॉलोनी कटेरी बाग निवासी 45 वर्षीय अरुण रावत की मौत से जुड़ा है। अरुण लुलु मॉल में सफाईकर्मी थे। 21 अक्टूबर की रात वे काम पर निकले थे लेकिन घर नहीं लौटे। अगले दिन 22 अक्टूबर की सुबह उनका शव कार्तिक गेस्ट हाउस के कमरे में बेड पर पड़ा मिला शव के पास उनका पड़ोसी विकास सोया मिला। परिजनों ने सुपरवाइजर अमन उर्फ अमर पर पुरानी रंजिश के चलते हत्या कराने का आरोप लगाया था।
ग्रामीणों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
पुलिस कार्रवाई से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने विजय नगर चौराहा जाम कर करीब ढाई घंटे तक प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि पुलिस ने हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए हिरासत में लिए लोगों को छोड़ दिया। जब प्रदर्शनकारी थाने पहुंचे तो स्थिति अचानक बिगड़ गई और मामला हिंसक हो गया।