7 साल के मासूम से भीख मंगवाती...कम लाने पर भूखा रखती थी कलयुगी मां,
फिर मसीहा बनकर पहुंचे IAS ने ऐसे बचा ली जिंदगी
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Childline Rescue Lucknow: राजधानी लखनऊ में खुद भूखी रहकर बच्चे को भोजन देने वाली माँ का कलयुगी रूप सामने आया है। यहां बच्चे के लिए खुद का पेट काटना तो दूर बल्कि कलयुगी माँ ने अपनी ही संतान को अपने कमाई का जरिया बना रखा था। जिससे वो भीख मंगवाती और कम पैसे लाने पर उसे भूखा रखती रखती थी। इसका खुलासा तब हुए जब लखनऊ के डीएम वहां मसीहा बनकर पहुंचे और इन मासूमों की जिंदगी बचा ली। दरअसल बुधवार को लखनऊ के टेढ़ी पुलिया चौराहे पर लखनऊ के DM विशाख जी के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान एक सात वर्षीय बच्चे से जबरन भीख मंगवाने वाली मां जगनिया को गिरफ्तार किया गया है।
दिन के 200 से 400 रूपए कमाता था बच्चा
अधिकारियों के अनुसार, यह बच्चा रोज़ाना भीख में 200 से 400 रुपये तक इकट्ठा करता था और यदि भीख में पैसे कम मिलते तो उसकी मां उसे पीटती थी और खाना भी नहीं देती थी। मामले सामने आने के बाद डीएम विशाख जी के निर्देश पर गुडम्बा थाने में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बच्चों से भीख मंगवा रहा एक और गिरोह पकड़ा गया
डीएम की ये कार्रवाई यहीं नहीं रुकी, इसके बाद उनकी टीम अर्जुनगंज चौराहे पर पहुंची और और यहां भी एक महिला को पकड़ा गया, जो बच्चे से भीख मंगवा रही थी। इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए थाना सुशांत गोल्फ सिटी में एफआईआर दर्ज किया है।
शहर के 19 चौराहों पर टीम एक्टिव, बच्चों से भीख मंगवाने पर सख्ती
मिली जानकारी के अनुसार डीएम के निर्देश पर लखनऊ के 19 प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों के शोषण को रोकना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के शोषण के ऐसे मामलों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
कौन हैं आईएएस विशाख जी. अय्यर
अचानक लखनऊ की सडकों पर पहुंचकर भीख मांग रहे बच्चों के लिए मसीहा बने आईएएस विशाख जी अय्यर 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। वे मूल रूप से केरल के निवासी हैं और इंजीनियरिंग (B.Tech) की पढ़ाई कर चुके हैं। पढ़ाई के बाद उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास कर उत्तर प्रदेश कैडर जॉइन किया। उन्हें प्रशासनिक कार्यों में कुशलता और तेज निर्णय क्षमता के चलते अहम जिलों की जिम्मेदारी दी जाती रही है।
कब-कहां तैनात रहे विशाख?
विशाख अय्यर ने उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनके करियर की प्रमुख तैनातियां इस प्रकार हैं:
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सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) के तौर पर वाराणसी और मेरठ में कार्य किया।
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इसके बाद वे जिलाधिकारी (DM) बने और हमीरपुर तथा चित्रकूट जैसे जिलों में प्रशासन संभाला।
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इसके बाद उन्हें कानपुर जैसे बड़े और संवेदनशील जिले का डीएम बनाया गया।
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विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने उन्हें कानपुर डीएम पद से हटाकर मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया।
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चुनाव खत्म होते ही दोबारा उन्हें कानपुर का डीएम बना दिया गया।
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इसके बाद उनका तबादला अलीगढ़ के जिलाधिकारी के रूप में हुआ।
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अब उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का डीएम बनाया गया है।
पत्नी भी हैं आईएएस
दरअसल विशाख अय्यर ने IAS अपूर्वा दुबे से वर्ष 2019 में विवाह किया था। यह शादी केरल में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। अपूर्वा दुबे उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रहने वाली हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव रह चुकी हैं।