लखनऊ में कोटेदारों का प्रदर्शन, हजरतगंज रोड जाम,
मानदेय और 200 रुपये कमीशन की मांग
8 days ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश भर से आए कोटेदारों ने आज राजधानी लखनऊ के जवाहर भवन का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शन आदर्श कोटेदार एवं उपभोक्ता वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हो रहा है। संगठन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र पटेल के नेतृत्व में कोटेदारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हजरतगंज चौराहे की ओर जाने वाली सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया।
10 महीने से जारी संघर्ष, रथ यात्रा भी बेअसर
सुभाष पटेल ने बताया कि कोटेदारों का यह आंदोलन 20 सितम्बर 2023 से लगातार जारी है। कोटेदारों की मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए अलीगढ़ से जनजागरण रथ यात्रा निकाली गई थी, जो कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई होते हुए लखनऊ पहुंची। इस यात्रा का उद्देश्य सरकार का ध्यान आकर्षित करना था, लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं हुआ।
200 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन की मांग
कोटेदारों ने बताया कि 30 सितम्बर 2023 को लखनऊ के इको गार्डन में सम्मेलन आयोजित कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया था। उसमें 200 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन की मांग की गई थी। उस समय तत्कालीन अपर आयुक्त खाद्य ने मांगों पर सहमति जताते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया था, मगर आज तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
10 वर्षों से मानदेय की लड़ाई
प्रदर्शन कर रहे कोटेदारों ने कहा कि वे 10 वर्षों से स्थायी मानदेय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे प्रदेश के दूर-दराज इलाकों तक सरकारी राशन योजनाओं को लागू कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। फिलहाल कोटेदारों को 90 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन मिलता है, जिसमें से लोडिंग, अनलोडिंग और परिवहन खर्च भी निकालना होता है। ऐसे में परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।
30 हजार रुपये मासिक मानदेय की मांग
अध्यक्ष सुभाष पटेल ने कहा है कि, "सरकार को चाहिए कि कोटेदारों को 30 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दे। हम राशन लेकर हर घर तक जाते हैं, मगर अपने परिवार की रोटी के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है।"
लखनऊ की सड़कें जाम, भारी पुलिस बल तैनात
प्रदर्शनकारियों ने साफ किया कि जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, वे सड़क खाली नहीं करेंगे। हजरतगंज की मुख्य सड़क पर यातायात ठप हो गया है। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।