लखनऊ में 74 करोड़ के फ्लाईओवर का काम आठ महीने से ठप,
एक मकान बना जनता की राह का रोड़ा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Lucknow flyover: लखनऊ के केसरीखेड़ा में बन रहा 74 करोड़ का फ्लाईओवर बीते आठ महीनों से अधर में लटका है। कारण सिर्फ इतना है कि फ्लाईओवर के रास्ते में एक मकान आ गया है। यह फ्लाईओवर करीब 973.56 मीटर लंबा है और इसे जनता को जाम से राहत दिलाने के लिए बनाया जा रहा था। लेकिन अब यह खुद जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। इलाके के करीब 10 हजार लोग रोजाना जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। हर दिन रेलवे फाटक कई बार बंद होता है, जिससे लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं। बच्चों को स्कूल और लोगों को ऑफिस समय पर पहुंचाना मुश्किल हो गया है।
8 महीने से अधूरा फ्लाईओवर
यह फ्लाईओवर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सिफारिश पर मंजूर हुआ था। स्थानीय लोगों ने बार-बार रेलवे और प्रशासन से गुहार लगाई थी कि क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बने ताकि जाम की समस्या खत्म हो। इसके बाद जुलाई 2023 में सरकार ने 74.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी और 17 जुलाई को राजनाथ सिंह की मौजूदगी में शिलान्यास भी कर दिया गया। लेकिन अब हालात यह हैं कि फ्लाईओवर का काम 8 महीने से रुका हुआ है। फ्लाईओवर के रास्ते में जिन लोगों की दुकानों और मकानों की वजह से काम अटका है, उनमें दीपू यादव, राजेश यादव, राकेश यादव, पंकज, राम विजय, रामस्वरूप और अन्य स्थानीय लोग शामिल हैं।
फ्लाईओवर में रुकावट डालने वाले बिल्डर को LDA का नोटिस
अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) हरकत में आया है। निर्माण में रुकावट डाल रहे बिल्डर राजेश यादव को नोटिस भेजा गया है। उनसे सभी जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं। चेतावनी दी गई है कि अगर जवाब नहीं मिला तो मकान गिराने या सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
बिना रूट क्लियरेंस शुरू हुआ काम
दरअसल, इस पूरे मामले में लापरवाही भी सामने आई है। सेतु निगम ने बिना जमीन अधिग्रहण और रूट क्लियरेंस के निर्माण कार्य शुरू कर दिया। अब न तो पुल बन पा रहा है और न ही जनता को राहत मिल रही है। प्रशासन की सुस्ती और गलत योजना का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।