लैपटॉप खोलते ही रिटायर्ड IAS गौतम को कमरे में बंद कर कहा गया..
यू आर अंडर अरेस्ट.. फिर की गई 12 लाख की ठगी
10 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड IAS अधिकारी कृपाशंकर गौतम डिजिटल ठगों के जाल में फंस गए। आरोपियों ने दो दिन तक उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बनाए रखा और 12 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने उन्हें मनी लांड्रिंग का दोषी बताया और बैंक खातों की जानकारी लेकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली। साइबर क्राइम पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
डिजिटल जाल में फंसे रिटायर्ड IAS अधिकारी
2 सितंबर को दोपहर में कृपाशंकर गौतम के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाली महिला ने खुद को एयरटेल ऑफिस का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके सिम को दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा। जब कारण पूछा गया तो बताया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया। कुछ समय बाद पुलिस की वर्दी में एक जालसाज ने वीडियो कॉल की।
कॉल के जरिए डर दिखाकर ठगी
जालसाज ने कृपाशंकर को एक एमपी, पुलिसकर्मी और बैंक मैनेजर के साथ मनी लांड्रिंग का दोषी बताया। घबराए अधिकारी से लगातार पूछताछ की गई और उन्हें डिजिटल अरेस्ट की चेतावनी दी गई। कृपाशंकर ने किसी को कुछ नहीं बताया और अपने नौकरों को भी छुट्टी पर भेज दिया। ठगों ने उन्हें मदद का झांसा देकर कॉल काट दी, लेकिन वीडियो कॉल से लगातार उनकी नजर बनाए रखी।
बैंक खाते से 12 लाख रुपये की ठगी
3 सितंबर को ठगों ने कृपाशंकर पर पांच अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी वारंट होने का डर दिखाया। डर के कारण उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी खातों की जानकारी दी और अपने खाते से 12 लाख रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस इस जालसाजी में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और आम लोगों व वरिष्ठ अधिकारियों को भी सावधान रहने की जरूरत है।