लखनऊ में चौकी में सिपाही को पीटने वाला VIP बेटा अब तक आज़ाद,
पुलिस 13 दिन से चुप
1 months ago
Written By: News Desk
Uttar Pradesh News: लखनऊ के हजरतगंज इलाके में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। 29 मई की रात कुछ रईसजादों ने एक सिपाही को पुलिस चौकी में घसीटकर बुरी तरह पीटा, उसकी वर्दी फाड़ दी और चौकी में रखे सरकारी सामान को तहस-नहस कर दिया। इस हमले की वजह सिर्फ इतनी थी कि सिपाही अर्जुन यादव ने इनोवा सवार चार युवकों को आपस में झगड़ने से रोका था। सिपाही पर हमला करने वालों में एक युवक कथित तौर पर एक सीनियर आईपीएस अधिकारी का बेटा है, जो मौके से फरार हो गया। मामले को पुलिस ने आठ दिन तक दबाए रखा और चुपचाप 30 मई को एफआईआर दर्ज की गई।
तीन आरोपी गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलने पर हजरतगंज थाने से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और तीन युवकों को पकड़ लिया, लेकिन एक युवक गाड़ी समेत फरार हो गया। चश्मदीदों के मुताबिक, तीन गिरफ्तार युवकों के नाम जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार हैं। चौथे युवक की पहचान आज तक सामने नहीं आई है, जबकि स्थानीय पुलिसकर्मी भी जानते हैं कि वह कौन है। एफआईआर में उसका नाम अज्ञात लिखकर उसे बिना पूछताछ के मौके से छोड़ दिया गया।
चौकी में घसीटकर सिपाही को बेरहमी से पीटा
सिपाही अर्जुन यादव ने अपनी एफआईआर में बताया कि वह 29 मई की रात गश्त के दौरान स्टेडियम चौकी के पास पहुंचा, जहां इनोवा में बैठे चार युवक आपस में झगड़ रहे थे। उन्हें शांत कराने की कोशिश करने पर युवक भड़क गए और उसे कुत्ता कहकर गालियां देने लगे। फिर उसे जबरन चौकी के अंदर ले जाकर मारा-पीटा और वर्दी फाड़ दी। चौकी के सामान को भी नुकसान पहुंचाया। तीन हमलावरों पर शांति भंग, सरकारी काम में बाधा, मारपीट, धमकी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मामला दर्ज हुआ। मगर चौथे आरोपी की पहचान अब तक न होना और उसे छोड़ देना कई सवाल खड़े कर रहा है।
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने DGP को लिखा पत्र
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है और इसमें दो बिल्कुल अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं। एक ओर कहा जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी का बेटा सिपाही को पीट रहा था, वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस वालों ने युवक को बिना वजह पीटा।