राजधानी में 10 साल बाद सर्किल रेट में बड़ी बढ़ोतरी,
जमीन और घर खरीदना होगा महंगा
24 days ago
Written By: STATE DESK
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 साल बाद सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव जारी कर दिया गया है। नए मसौदे के अनुसार, शहरी इलाकों में सर्किल रेट 25% तक और ग्रामीण इलाकों में कृषि योग्य भूमि पर 15% तक बढ़ाए जाने की योजना है। इसके अलावा, सड़क किनारे और नई विकसित कॉलोनियों के लिए विशेष दरें प्रस्तावित की गई हैं।
17 जुलाई तक दर्ज कराई जा सकती हैं आपत्तियां
लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि यह प्रस्ताव बाजार मूल्य के अनुरूप तैयार किया गया है। प्रशासन ने आम जनता से 17 जुलाई तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अपील की है। प्रस्तावित दरें 1 अगस्त 2025 से लागू की जाएंगी।
2015 के बाद पहली बार सर्किल रेट में बदलाव
लखनऊ में पिछली बार 2015 में सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। इसके बाद आउटर रिंग रोड, किसान पथ, एम्मार, वन वर्ल्ड और आगरा एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर टाउनशिप का विकास हुआ। नए सर्किल रेट इन विकसित क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तय किए गए हैं।
पॉश इलाकों में रेट दोगुने तक
प्रस्तावित मसौदे के अनुसार,
- गोमती नगर में सर्किल रेट 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच सकते हैं।
- इंदिरा नगर में दरें 35,000 से 62,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच प्रस्तावित हैं।
- इससे आवासीय, व्यवसायिक और कृषि भूमि की कीमतों में 25-50% तक की वृद्धि हो सकती है।
कहां मिलेगी जानकारी?
प्रस्तावित सर्किल रेट की जानकारी सभी उपनिबंधक कार्यालयों और सहायक महानिरीक्षक निबंधन प्रथम व द्वितीय के दफ्तरों में उपलब्ध है। इसके अलावा इच्छुक लोग इसे Lucknow.nic.in वेबसाइट पर भी देख सकते हैं।
क्या है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम दर होती है जिस पर किसी संपत्ति की रजिस्ट्री होती है। यह दर जमीन की सरकारी वैल्यू तय करती है। सर्किल रेट बढ़ने से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी बढ़ता है, जिससे जमीन और घर की खरीदारी पर कुल खर्च बढ़ जाता है।