लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का हंगामा, शिक्षा मंत्री के घर का घेराव,
पुलिस से झड़प
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
लखनऊ में रविवार को 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी “योगी बाबा न्याय करो, सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करो” के नारे लगाते हुए मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। अभ्यर्थी पीछे हटने को तैयार नहीं थे और लगातार नारेबाजी करते रहे “ओमप्रकाश राजभर इस्तीफा दो”, “केशव मौर्य इस्तीफा दो”। करीब आधे घंटे बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को घेर लिया और जबरन गाड़ियों में बैठाया। महिला पुलिसकर्मियों ने महिला अभ्यर्थियों को टांग कर गाड़ियों में बैठाया। बाद में सभी को ईको गार्डन के पास छोड़ दिया गया।
अभ्यर्थियों का आरोप – सुप्रीम कोर्ट में सरकार की लचर पैरवी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। वे पिछले पांच सालों से रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली। देवरिया से आए अभ्यर्थी धनंजय ने कहा – “पिछले 22 डेट में सरकार की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। सीएम कहते हैं यूपी में रामराज है, लेकिन यह कैसा रामराज है जहां पिछड़े और दलितों को न्याय नहीं मिलता।”
‘हर बार आश्वासन, लेकिन नौकरी नहीं’
अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले 5 साल में वे 100 से ज्यादा बार शिक्षा मंत्री के घर का घेराव कर चुके हैं। हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता है। “हम बेरोजगार हैं, फिर भी अलग-अलग जिलों से किराया खर्च कर लखनऊ आते हैं। 100-200 रुपए हमारे लिए बड़ी बात है, लेकिन हर बार मायूस होकर लौटना पड़ता है,” एक अभ्यर्थी ने कहा। उनका कहना है कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा, वे पीछे नहीं हटेंगे।
‘अब परिवार भी साथ नहीं देता’
कई अभ्यर्थियों ने बताया कि सालों से संघर्ष करते-करते परिवार का भी साथ छूट गया है। लोग ताने देते हैं – “कब तक जाओगे लखनऊ, क्या मिला?” नौकरी न मिलने की वजह से वे त्योहार नहीं मना पाते और बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिला पा रहे हैं।
अभ्यर्थियों की मांग – सुप्रीम कोर्ट में ईमानदार पैरवी हो
अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर सरकार ईमानदारी से पैरवी करे तो उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।