लखनऊ के लिए 10 हजार करोड़ की डिमांड, नगर निगम ने 16वें वित्त आयोग से की बड़ी मांग,
ई-चार्जिंग से वेस्ट-टू-एनर्जी तक रोडमैप तैयार
1 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: मंगलवार को लखनऊ नगर निगम की एक अहम बैठक में 16वें वित्त आयोग से लखनऊ के विकास के लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की गई। बैठक में नगर निगम के पार्षद अरुण तिवारी ने शहर की बढ़ती जरूरतों और विस्तार को ध्यान में रखते हुए इस राशि की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में लखनऊ का क्षेत्रफल और आबादी दोनों बढ़े हैं, जिससे शहर में बुनियादी सुविधाओं की मांग और बढ़ गई है। उन्होंने जल आपूर्ति, सड़क, सीवरेज, कूड़ा प्रबंधन, सोलर पैनल, ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर, पब्लिक ई-चार्जिंग स्टेशन जैसे कई विकास कार्यों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मिले फंड के उपयोग का भी विस्तार से ब्यौरा दिया।
पार्षद ने लखनऊ में तकनीकी सुधारों की जताई जरूरत
पार्षद अरुण तिवारी ने कहा कि लखनऊ में तकनीकी सुधारों की जरूरत है। उन्होंने वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट, मल्टी लेयर प्लास्टिक रिसाइक्लिंग, सेनिटेशन रिसोर्स पार्क, ई-व्हीकल्स आदि परियोजनाओं को भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया। बैठक में बताया गया कि विस्तार हुए इलाकों के लिए लगभग 7207 करोड़ रुपये और शहर की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए 3500 करोड़ रुपये की अलग मांग है। कुल मिलाकर नगर निगम ने 16वें वित्त आयोग से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।
लखनऊ की आबादी 28.17 लाख से बढ़कर 48.60 लाख हुई
साल 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की आबादी 28.17 लाख थी, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग 48.60 लाख हो चुकी है। नगर निगम का क्षेत्रफल भी 310 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 568 वर्ग किलोमीटर हो गया है। विस्तार वाले इलाकों में आज भी जल, सड़क, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे वहां रहने वाले लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
15वें वित्त आयोग से मिले फंड का प्रभावी उपयोग
15वें वित्त आयोग से मिले फंड का उपयोग कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं में हुआ। इसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नदी की सफाई, जल संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जल आपूर्ति सुधार, वायु गुणवत्ता सुधार जैसे कार्य शामिल हैं। लखनऊ को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 में देश में पहला स्थान मिला है और गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग में 3 स्टार मिली है। नगर निगम अब 7 स्टार रेटिंग के लिए प्रयासरत है।
16वें वित्त आयोग से फंड बढ़ाने की मांग
पार्षद तिवारी ने सुझाव दिया कि 16वें वित्त आयोग के तहत फंड की राशि बढ़ाई जाए और उसका वितरण समयबद्ध हो ताकि योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो सके और आम जनता को पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि 15वें वित्त आयोग से मिले अनुदान से करीब 30 लाख नागरिकों को लाभ मिला है और वायु गुणवत्ता में 45 प्रतिशत सुधार हुआ है।