मुस्कान और सोनम रघुवंशी संघी सोच की देन, LU प्रोफेसर का विवादित बयान,
RSS को ठहराया महिला हिंसा का जिम्मेदार
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
LU Professor Ravi Kant Chandan: लखनऊ विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हंगामा मच गया है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ तीखी टिप्पणी की, और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने पोस्ट में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने संघ की विचारधारा पर गंभीर आरोप लगाए। प्रोफेसर चंदन की इस पोस्ट के बाद विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ गया है और ABVP से जुड़े छात्रों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला है।
फेसबुक पोस्ट में RSS को ठहराया नफरत का जनक
रविकांत चंदन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं। उन्होंने लिखा कि जहां फुले, अंबेडकर और नेहरू ने महिलाओं को शिक्षा और स्वाभिमान का रास्ता दिखाया, वहीं RSS ने उनके हाथों में त्रिशूल और तलवार पकड़ा दी और उनके मन में नफरत भर दी। उन्होंने यह भी कहा कि RSS की इसी मानसिकता का असर गुजरात और दिल्ली दंगों में दिखा और आज अगर महिलाएं अपने पतियों की हत्या करवा रही हैं, तो उसकी जड़ में यही हिंसा और नफरत है।
प्रोफेसर रविकांत की टिप्पणी से छात्रों में आक्रोश
छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर चंदन की यह टिप्पणी न सिर्फ आपत्तिजनक है बल्कि समाज में जानबूझकर वैमनस्य फैलाने का प्रयास है। छात्रों का गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब रविकांत चंदन का नाम विवादों में आया है। साल 2022 में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मुद्दे पर की गई टिप्पणी को लेकर भी वे निशाने पर आ चुके हैं। उस समय भी लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था और 18 मई 2022 को परिसर में उनके साथ मारपीट की गई थी। उस घटना के बाद एक छात्र को निष्कासित कर दिया गया था।
रविकांत चंदन के खिलाफ मुकदमे की मांग
इस बार मामले को और गंभीर बनाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कार्तिक पांडेय ने हसनगंज थाने में रविकांत चंदन के खिलाफ तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर की फेसबुक पोस्ट सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली और लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने इस पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
विवादित बयानों से बार-बार विवादों में लखनऊ यूनिवर्सिटी
यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय के शिक्षक इस तरह के विवाद में फंसे हैं। इससे पहले असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव बनर्जी को पीएम मोदी और RSS के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शो-कॉज नोटिस मिला था। वहीं डॉ. माद्री काकोटी ने पहलगाम हमले के बाद एक पोस्ट किया था, जो पाकिस्तान में वायरल हो गया था। उन्हें भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। इस तरह लगातार सामने आ रहे ऐसे विवादों ने लखनऊ विश्वविद्यालय की छवि को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।