ललित उपाध्याय ने इंटरनेशनल हॉकी को कहा अलविदा,
अब वाराणसी के युवाओं को बनाएंगे चैंपियन
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Lalit Upadhyay: वाराणसी के लाल और देश को दो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने 22 जून को इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। यह जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की। ललित ने लिखा कि देश का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और अब वह घरेलू व लीग मुकाबलों में खेलते रहेंगे। इस समय ललित बेल्जियम में चल रही प्रो हॉकी लीग में व्यस्त हैं और वहां से नीदरलैंड रवाना होंगे।
महज 16 साल में बना भारतीय टीम का हिस्सा
ललित ने अपने करियर की शुरुआत वाराणसी के एक छोटे से गांव भगतपुर से की थी। 8 साल की उम्र में वह अपने भाई अमित के साथ यूपी कॉलेज मैदान में हॉकी खेलने जाते थे। यहीं साईं सेंटर के कोच परमानंद मिश्र ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें तराशना शुरू किया। ललित ने 2008 में 16 साल की उम्र में भारतीय टीम कैंप में हिस्सा लिया और पाकिस्तान के महान खिलाड़ी शाहबाज सीनियर जैसी तारीफें पाईं।
साजिश में घिरे ललित ने मेहनत से रचा ओलंपिक इतिहास
लेकिन उनका करियर तब ठहर गया जब एक स्टिंग ऑपरेशन में उनका नाम जबरन घसीट लिया गया। इस हादसे ने उन्हें तोड़ दिया था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से मैदान में लौटे। उनके प्रयासों का नतीजा था कि टोक्यो ओलंपिक 2020 और पेरिस ओलंपिक 2024 में उन्होंने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। 2021 में उन्हें अर्जुन अवार्ड और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक करोड़ रुपए का इनाम भी मिला।
बच्चों को फ्री ट्रेनिंग देंगे ललित
ललित ने अपने संन्यास का कारण वाराणसी में हॉकी को फिर से नई ऊंचाई तक पहुंचाना बताया है। वे अपने शहर में बच्चों को फ्री में हॉकी की ट्रेनिंग देते हैं और अब इसी काम को और विस्तार देंगे। ललित को यूपी पुलिस में DSP के पद पर नियुक्त किया गया है और उनकी पत्नी दीक्षा तिवारी रेलवे में अधिकारी हैं।