राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोग नजरबंद,
मोहर्रम को लेकर कुंडा में पुलिस की कड़ी कार्रवाई
21 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: प्रयागराज ज़िले के कुंडा क्षेत्र में मोहर्रम पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस ने एहतियातन सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह समेत कुल 13 लोगों को 40 घंटे के लिए नजरबंद कर दिया गया है। दरअसल, यह कदम शेखपुर आशिक गांव में पिछले वर्षों में हुए विवादों को देखते हुए उठाया गया है।
भदरी कोठी में दी गई नजरबंदी की नोटिस
शनिवार को कोतवाली कुंडा के प्रभारी अवन कुमार दीक्षित व अपराध निरीक्षक संजय सिंह पुलिस फोर्स के साथ भदरी कोठी पहुंचे। वहां उन्होंने राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंदी की नोटिस सौंपी और घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दी। उन्हें रविवार रात 9 बजे तक नजरबंद रहने का निर्देश दिया गया है।
इन लोगों को किया गया नजरबंद
बता दें कि उदय प्रताप सिंह के साथ नजरबंद किए गए अन्य लोगों में नौबस्ता हथिगवां निवासी जितेंद्र यादव, बढ़ईपुर कुंडा के आनंदपाल, शेखपुर के उमाकांत, बडूपुर के भवानी विश्वकर्मा, सुभाष नगर के रवि सिंह व हनुमान प्रसाद पांडेय, सरैया प्रवेशपुर के केसरी नंदन, मियां का पुरवा के जमुना प्रसाद, बेती हथिगवां के निर्भय सिंह, लोहारन का पुरवा के गया प्रजापति, गोपालगंज शाहपुर के जुगनू विश्वकर्मा और प्रयागराज के मोहनलाल का नाम शामिल है। वहीं इन सभी के घरों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
2012 की घटना बनी नजरबंदी की वजह
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के दिन एक बंदर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से तनाव फैल गया था। इसके बाद यहां हनुमान मंदिर पर हर साल हनुमान चालीसा पाठ और प्रसाद वितरण का आयोजन शुरू हुआ। 2015 में यह भंडारा राजा उदय प्रताप सिंह की अगुवाई में विशाल रूप में आयोजित किया गया, जिस कारण ताजिए के मार्ग में अड़चन आई। इसके बाद 2016 में मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसके बाद प्रशासन ने इस आयोजन पर रोक लगा दी। तब से हर साल मोहर्रम के दिन उदय प्रताप सिंह और उनके समर्थकों को नजरबंद किया जाता है, ताकि कोई विवाद ना हो।
पुलिस की ओर से सख्ती
पुलिस प्रशासन इस बार भी किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए सतर्क है। अधिकारियों का कहना है कि नजरबंदी सिर्फ एहतियातन कदम है और इसका उद्देश्य शांति व्यवस्था बनाए रखना है। वहीं पुलिस ने लोगों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की है।