आस्था के साथ अब राजनीतिक और राष्ट्रभक्ति के रंग भी,
कांवड़ यात्रा में दिखे अजब-गजब रंग
11 days ago
Written By: STATE DESK
प्राचीन काल से ही सावन माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक रही है। हर साल लाखों कांवड़िए देशभर से गंगाजल लेने हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थों की ओर रवाना होते हैं। लेकिन समय के साथ इस परंपरा में बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। अब ये यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि इसमें राजनीतिक विचारधाराओं और राष्ट्रभक्ति के संदेश भी जुड़ते जा रहे हैं।
साफ करते हैं बादलाव की तस्वीर
इस वर्ष की कांवड़ यात्रा में कई ऐसे दृश्य सामने आए जो इस बदलाव की तस्वीर साफ करते हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली से आए चार कांवड़ियों ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर और पार्टी का झंडा लेकर कांवड़ उठाई। उनका कहना है कि यह यात्रा उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की कामना के साथ शुरू की है।
देवीलाल चौधरी को बताया आदर्श
वहीं हरियाणा से आए एक कांवड़िए ने दिवंगत किसान नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल चौधरी को अपना आदर्श बताया और 20 वर्षों से हरे रंग की कांवड़ उठाकर गंगाजल लाने की परंपरा निभा रहे हैं।
ऑपरेशन सिन्दूर भी तर्ज
वहीं दिल्ली से आए एक कांवड़िए ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की दो नायिकाओं, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी को समर्पित कांवड़ यात्रा निकाली। यह यात्रा ना सिर्फ भक्ति भाव दर्शा रही थी, बल्कि इसमें भारतीय सेना और महिला शक्ति के प्रति सम्मान का संदेश भी था।