काशी विश्वनाथ धाम में शुरू हुआ विशेष अनुष्ठान, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हो रही पूजा अर्चना,
24 घंटे तक चलेगा रुद्राभिषेक
6 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Vranasi News: वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम का 13 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया था। भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माने जाने वाले इस मंदिर के पुनः निर्माण और कॉरिडोर के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इस ऐतिहासिक क्षण को अब तीन साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर मंदिर परिसर में भव्य धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हो गई है। आयोजन का उद्देश्य न केवल श्रद्धा और आस्था का उत्सव मनाना है, बल्कि संपूर्ण विश्व की मंगलकामना भी की जा रही है।
24 घंटे रुद्राभिषेक और 105 विग्रहों का पूजन
काशी विश्वनाथ धाम परिसर में 24 घंटे तक चलने वाला रुद्राभिषेक अनुष्ठान आज से शुरू हो गया है। पूरी विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यह पूजा की जा रही है। इसके बाद शुक्रवार, 13 दिसंबर को मंदिर परिसर के 105 विग्रहों का विधिवत पूजन किया जाएगा। इन सभी मूर्तियों का शास्त्रोक्त तरीके से पूजन कर बाबा से लोकमंगल की कामना की जाएगी।
विश्व कल्याण के लिए वैदिक यज्ञ
इस दो दिवसीय अनुष्ठान में शुक्रवार को विश्व शांति और कल्याण के लिए एक विशेष वैदिक यज्ञ का आयोजन भी किया जाएगा। मंदिर प्रशासन ने जानकारी दी है कि इस यज्ञ में आम श्रद्धालु भी भाग ले सकेंगे। यज्ञ का मुख्य उद्देश्य समस्त मानव जाति के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना करना है।
बाबा के दरबार में पहुंचीं बड़ी हस्तियां
काशी विश्वनाथ धाम के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर देश की जानी-मानी हस्तियां बाबा के दरबार में पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनीतिक, फिल्म और कला जगत से जुड़े दिग्गज यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। इस दौरान मंदिर परिसर में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की जा रही हैं, जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार भाग ले रहे हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था में इजाफा
कॉरिडोर बनने के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता और सुविधाओं में वृद्धि हुई है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब यहां दर्शन और पूजा का अनुभव पहले से कहीं अधिक आसान और दिव्य हो गया है। हर वर्ष लाखों लोग बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने काशी आते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।